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Alert For Health : घर में मत जलाइए मामबत्तियां,ऐसे लोगों को होगी परेशानी…

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Be Cautious, Candle Burning Bad For Asthma patients : कई अवसरों पर मामबत्तियां जलाई जाती हैं। खासकर सुगंधित मोमबत्तियां घर की सजावट और रोजमर्रा की आदतों में शामिल हो गई हैं। समझा जाता है कि इसका उपयोग मूड को हल्का करने तथा शांतिदायक सुगंध के लिए किया जाता है। लेकिन, नए अध्ययन में दावा किया गया है कि मोमबत्तियां जलाने से हल्के अस्थमा वाले युवा वयस्कों के लिए यह हानिकारक है। उन्हें प्रतिकूल स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

रहना चाहिए सावधान

डेनमार्क के आरहस यूनिवर्सिटी के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद कहा कि लोगों को मोमबत्तियां जलाने से सावधान रहना चाहिए। अध्ययन के अनुसार मोमबत्तियां जलाने और धुएं से होने वाले इनडोर वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है। हल्के अस्थमा वाले युवाओं में जलन या सूजन हो सकती है। शोधकर्ताओं ने डीएनए को नुकसान और खून में सूजन के संकेत मिले हैं।

खोल कर रखें दरवाजे और खिड़कियां

अध्ययन के सह-लेखक कैरिन रोसेनकिल्डे लॉरसन ने कहा कि अध्ययन में पता चला कि अगर खाना पकाने के दौरान या मोमबत्तियां जलाते समय कमरा पर्याप्त रूप से हवादार नहीं है, तो हल्के अस्थमा से पीड़ित बहुत युवा व्यक्तियों को असुविधा होती है। युवा आमतौर पर वृद्ध और मध्यम आयु वर्ग के व्यक्तियों की तुलना में अधिक फिट होते हैं। इसलिए युवाओं पर असर पड़ना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि खाना बनाते समय या मोमबत्तियां जलाते समय दरवाजे और खिड़कियां खोलकर रखने चाहिए।

बच्चों और वयस्क दोनों में होती है यह बीमारी

लाखों लोगों की मौत की वजह बना अस्थमा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वर्ष 2019 में 4.55 लाख अस्थमा मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी। दुनियाभर में तब करीब 26 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित थे। यह बीमारी बच्चों और व्यस्क दोनों को प्रभावित करती है। एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत में अस्थमा के 80 फीसदी मरीजों को ठीक उपचार नहीं मिल पाता। हालांकि, इसका कोई इलाज नहीं है, पर स्मार्ट इन्हेलर, इम्यूनोथेरेपी, जैविक दवाइयों, ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी और वर्चुअल रियलिटी थेरेपी से अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 

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