– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

वैदिक के साथ ही राष्ट्र चेतना के भी ऋषि थे स्वामी दयानंद सरस्वती : प्रधानमंत्री

4a913e72 1202 456f aeea 03530b2c1c7b

Share this:

National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर आयोजित समारोह में एक वीडियो संदेश में कहा कि गुलामी के कालखंड में उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया और जनमानस को वेद और आध्यात्म से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने सामाजिक कुरीतियों को मोहरा बनाकर हमें नीचा दिखाने की कोशिश की। सामाजिक बदलाव को हवाला देकर अंग्रेजी राज को कुछ लोगों ने सही ठहराने की कोशिश की। ऐसे समय में स्वामी दयानंद के प्रयासों से इन सभी साजिशों को गहरा धक्का लगा। आर्य समाज से प्रभावित लाला लाजपत राय, राम प्रसाद बिस्मिल और स्वामी श्रद्धानंद जैसी क्रांतिकारियों की पूरी शृंखला तैयार हुई। ऐसे में कहा जा सकता है कि स्वामी दयानंद सरस्वती केवल एक वैदिक ऋषि ही नहीं, बल्कि राष्ट्र चेतना के ऋषि थे।

शिक्षा संस्थान व इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थी बड़ी शक्ति

प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्य समाज की ओर से चलाये जा रहे शिक्षा संस्थान और इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थी एक बड़ी शक्ति है। यह सब एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सामाजिक कार्यों से जुड़ने के लिए भारत सरकार के नवगठित युवा संगठन की शक्ति भी है। उनका आग्रह है कि दयानंद सरस्वती के सभी अनुयायी डीएवी शैक्षिक नेटवर्क के सभी विद्यार्थियों को मायभारत से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।

उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने अपने दौर में महिलाओं के अधिकारों और उनकी भागीदारी की बात की थी। नयी नीतियों के जरिये ईमानदार कोशिशों के जरिए देश आज अपनी बेटियों को आगे बढ़ा रहा है। कुछ महीने पहले ही देश ने ‘नारी शक्ति वंदन अभिनियम’ पास करके लोकसभा और विधानसभा में महिला आरक्षण सुनिश्चित किया है। देश के इन प्रयासों से जन-जन को जोड़ना ही आज महर्षि को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Share this:




Related Updates


Latest Updates