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अमित शाह ने कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार न उतारने के दिये संकेत

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Jammu Kashmir : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू में कहा कि भाजपा घाटी में कमल खिलते देखने की जल्दी में नहीं है। उन्होंने संकेत दिये कि भाजपा कश्मीर की तीन महत्त्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। उन्होंने युवाओं से नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी जैसी पार्टियों को वोट नहीं देने की अपील की। जम्मू के पलौडा इलाके में रैली को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भाजपा को घाटी में कमल खिलते देखने की जल्दी में नहीं है, क्योंकि पार्टी दिल जीतने की प्रक्रिया में है। हम कश्मीर के हर दिल को जीतना चाहते है। गृह मंत्री शाह ने एनसी, पीडीपी और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये पार्टियां आतंकवाद को बढ़ावा देने और युवा लड़कों के हाथों में बंदूक सौंपने के लिए जिम्मेदार हैं।

सबसे ज्यादा फर्जी मुठभेड़ किसके कार्यकाल में हुईं?

उन्होंने कहा कि मैं डॉ. फारूक अब्दुल्ला से पूछना चाहता हूं कि सबसे ज्यादा फर्जी मुठभेड़ किसके कार्यकाल में हुईं? क्या तब डॉ. फारूक अब्दुल्ला की सरकार नहीं थी? अमित शाह ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला कहते थे कि नरेन्द्र मोदी 10 बार प्रधानमंत्री बन जायें, लेकिन अनुच्छेद 370 नहीं हटा सकते। लेकिन, दूसरी बार के कार्यकाल में ही जम्मू-कश्मीर से 370 हटा दिया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सुप्रीम कोर्ट से घोषित तारीखों पर होंगे। उन्होंने कहा कि कोई देरी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सितम्बर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो जाने चाहिए। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर तंज कसते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वह कहती थीं कि अगर अनुच्छेद 370 वापस ले लिया गया, तो कोई भी तिरंगा नहीं उठायेगा। उन्होंने कहा कि आज अनुच्छेद 370 हमेशा के लिए दफन हो गया है और फिर भी तिरंगा गरिमा और सम्मान के साथ ऊंचा उड़ रहा है।

जो पहले पत्थर फेंकते थे, उन्हें लैपटॉप दिया 

उन्होंने कहा कि आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक विधान, एक प्रधान, एक निशान का सपना पूरा हो गया है। शाह ने कहा कि आज आतंकवाद अपनी मृत्युशैया पर है। पथराव, बंद का आह्वान और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन एक इतिहास बन गया है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने उन युवाओं के हाथों में लेपटाप दे दिए हैं जो पहले पत्थर पकड़ते थे। उन्होंने कहा कि यह वह बदलाव है जो हम कश्मीर में लाये हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने संसद के पटल पर कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि गुज्जरों और बकरवालों के हिस्से में कटौती किये बिना, पहाड़ियों को उचित आरक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमने गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी, वाल्मिकी और ओबीसी सभी को उचित आरक्षण दिया। हमने महिलाओं को भी आरक्षण दिया।

हर सीमावर्ती गांव जम्मू शहर जैसा दिखे

उन्होंने कहा कि भाजपा यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रही है कि जम्मू का हर सीमावर्ती गांव जम्मू शहर जैसा दिखे। उन्होंने कहा कि आज, जम्मू प्रगति कर रहा है। सबसे पहले जम्मू ही था जहां ई-बसें चलनी शुरू हुईं। उन्होंने कहा कि आज एआईएमएस, आईआईएम, आईआईटी जम्मू-कश्मीर में हैं और देश भर से छात्र यहां पढ़ने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सुचेगढ़ सीमा को वाघा सीमा की तरह बदलने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। अंत में गृह मंत्री ने नारा लगाया कि जिस कश्मीर के लिए मुखर्जी ने दिया बलिदान, वह कश्मीर हमारा है।

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