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इजरायल में भारतीय श्रमिकों के लिए बम्पर वैकेंसी, 1.32 लाख सैलरी, रहना-खाना मिलेगा फ्री, बहाली शुरू

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, Israel Job Drive: इजरायल- हमास जंग के बीच खुशियों से भरी एक ख़बर आ रही है। जो इंडियंस के लिए काफी शुभ है, जो भारतीय श्रमिकों के लिए रोजगार की सौगात लेकर आ रही है। इजरायल-हमास युद्ध के बीच इजरायली सरकार ने भारत से एक लाख श्रमिकों को भेजने की मांग की है। इन श्रमिकों को लगभग 1.32 लाख सैलरी, रहना-खाना मिलेगा फ्री मिलेगा।

इजरायल के लिए 7 अक्टूबर 2023 कयामत की रात की तरह था। जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल में हवाई और जमीनी सुरक्षा घेरे को बेधते हुए जमकर तबाही मचाई थी । इस हमले को इजरायल की सुरक्षा  के लिए गंभीर चुनौती माना जा रहा है। हमास के इस हमले को इजरायल का अभेद्य आयरन डोम भी नहीं रोक सका। अभी भी उस मुल्क में तबाही का मंजर जारी है। हालांकि, इस खूनी संघर्ष के बीच हो रही तबाही की परवाह किए बगैर अब भारतीय नागरिक इजरायल की ओर रूख कर रहे हैं।

भारतीयों के बंपर हायरिंग की प्रक्रिया शुरू 

इजरायल में रोजगार के लिए आई वैकेंसी के लिए बहाली की प्रकिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य ऐसे हैं, जहां से लोग इजरायल जाने के लिए आवेदन कर रहे हैं और देश के कई राज्यों में इसके लिए बने केंद्रों के बाहर युवकों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। अब यह भी बड़े आश्चर्य की बात है कि युद्ध की तबाही के बीच जिस देश में लोग अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं भारतीय नागरिकों के बीच उस देश में जाने के लिए होड़ मची हुई है। आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर युद्ध के बीच भारतीय नागरिक इजरायल कैसे  जा रहे हैं।

इजरायल-हमास जंग से फिलिस्तीनी श्रमिकों का वर्क परमिट केन्सि , लेबर क्राइसिस 

7 अक्टूबर से शुरू हुए इजरायल- हमास जंग के बाद से इजरायल में श्रमिकों की भारी कमी हो गई है। इस बीच इजरायली सरकार ने भारत से एक लाख श्रमिकों को भेजने का आग्रह किया है। भारत से श्रमिकों के चयन के लिए 15 सदस्यीय इजरायली दल इस प्रक्रिया को पूरी कर रही है। इजरायल के द्वारा भारत से राजमिस्त्री, बढ़ई और अन्य निर्माण के कुशल श्रमिकों की मांग की जा रही है। बताया जा रहा है कि इससे पूर्व इजरायल में फलस्तीनी श्रमिक ही काम करते थे, पर युद्ध से उत्पन्न स्थिति  के बाद उनका उनका वर्क परमिट रद्द कर दिया गया है। साथ ही इजरायल में गाजा से लगी सीमाओं को भी सील करते हुए फलस्तीनियों के लिए बंद किया गया है। जिससे इजरायल में श्रमिकों की बड़ी समस्या हो गई है।

यूपी और हरियाणा ने निकाला है विज्ञापन 

उत्तर प्रदेश और हरियाणा से इजरायल के लिए श्रमिकों का चयन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार के स्तर पर इसके लिए एक विज्ञापन भी निकाला गया है। जिसके आधार पर इन राज्यों में  श्रमिकों के सेलेक्शन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यहां से selected labour को इजरायल में कंस्ट्रक्शन के काम में जोड़ा जाएगा। यूपी के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले महीने इजरायल भेजने के लिए चयनित 16,000 श्रमिको की एक सूची को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द ही मजदूरों को इजरायल भेजा जाएगा।

कितनी मिलेगी सैलरी?

भारत से इन मजदूरों को एक साल से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट पर इजरायल भेजा जाएगा।  समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इजरायल में कंस्ट्रक्शन मे लगने वाले श्रमिकों को लगभग 1600 डॉलर प्रति माह सैलरी मिलेंगे। जो भारतीय रुपये में करीब एक लाख 32 हजार होते है। साथ ही इन श्रमिकों के लिए इजरायल में रहने और खाने की भी फ्री व्यवस्था होगी।

जंग से पहले भारत-इजरायल में हुआ था समझौता 

गौरतलब है कि भारत-इजरायल के बीच हुए एक समझौते के तहत इन श्रमिकों को विदेश भेजा जाता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार हमास जंग से पहले पिछले साल ही श्रमिकों को लेकर इजरायल और भारत के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत 40,000 भारतीयों को इजरायल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की अनुमति मिलनी थी, जो अभी बढ़ा दी गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी 2022 के आंकड़ों के अनुसार इजरायल में लगभग 13,000 भारतीय कामगार हैं।

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