New Delhi News: कांग्रेस ने देश में सामान्य जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराने की मांग दोहरायी है। इसके साथ ही राज्यों के आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी की है, ताकि 50 प्रतिशत की सीलिंग हटा कर राज्यों के आरक्षण को सुरक्षित किया जा सके।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि आज संविधान निर्माता डॉ अम्बेदकर की जयंती है। आज के दिन मैं कांग्रेस की तरफ से पांच बातें कहना चाहता हूं। पहली यह कि देश में जाति जनगणना अत्यन्त जरूरी है। अभी केन्द्र सरकार 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर अपनी योजनाएं बना रही है। आगामी जनगणना का अभी तक पता नहीं है। खड़गे ने मांग की, कि सामान्य जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना कराना जरूरी है। उन्होंने तर्क दिया कि इतने वर्षों के बाद यह नहीं मालूम कि आज समाज के अलग-अलग वर्गों की वास्तविक हालत कैसी है। सामाजिक न्याय के पैमाने पर शिक्षा, नौकरी, मकान और जमीन का मालिकाना हक आदि पर उन्होंने कितनी तरक्की की है।
एससी-एसटी सब-प्लान कांग्रेस लागू किया था,भाजपा हटवाई
खड़गे ने कहा कि दूसरी बात यह है 1976 में इंदिरा गांधी ने एससी-एसटी सब-प्लान लागू किया था, ताकि इन समुदायों के साथ समुचित न्याय हो, लेकिन 2015 में केन्द्र सरकार ने इसे खत्म कर दिया। हालांकि, कांग्रेस शासित कर्नाटक और तेलंगाना राज्य सरकारों ने सब-प्लान लागू करने का कानून बनाया है, इसलिए हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि एस-एसटी सब-प्लान को केन्द्र सरकार फिर से लागू करे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीसरी बात यह है कि तमिलनाडु के सिवाय कोई राज्य नहीं है, जहां आरक्षण सुरक्षित है। हम मांग करते हैं कि राज्यों के आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाये, जिससे 50 प्रतिशत की सीलिंग हटा कर राज्यों के आरक्षण को सुरक्षित किया जा सके। चौथी बात यह कि 2006 में अनुच्छेद 15 (5) में संविधान संशोधन कर एससी, एसटी, ओबीसी को निजी कॉलेजों में आरक्षण दिलाने के लिए व्यवस्था की गयी। यह कानून निजी, बिना सरकारी मदद वाले, लेकिन गैर-अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने के लिए है। इसे सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सही ठहराया। आज 55 प्रतिशत उच्च शैक्षणिक संस्थान निजी हाथों में हैं। खड़गे ने केन्द्र सरकार से मांग की, कि इसे कानूनी अधिकार बनाया जाये और इसे तत्काल लागू किया जाये। यह बाबासाहेब को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
कांग्रेस संसद के अन्दर और बाहर संघर्ष करेगी
खड़गे ने कहा कि पांचवीं बात यह है कि दो साल पहले जब महिला आरक्षण पारित हुआ, तब कांग्रेस की मांग थी यह अधिनियम फौरन लागू हो और इसके साथ ही इसके अन्दर एक तिहाई आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपरोक्त पांच मांगों को लेकर संसद के अन्दर और बाहर संघर्ष करेगी।