– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

Election 2024 : ‘आधी आबादी’ की लोस चुनाव के दो चरणों में सिर्फ 8% भागीदारी, यह तो नाइंसाफी…

IMG 20240430 WA0025

Share this:

Election 2024: Only 8% participation of ‘half the population’ in two phases of elections, this is injustice, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : देश के सभी राजनीतिक दल राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का जोर-शोर से गुणगान करते हैं। सच्चाई यह है कि व्यावहारिक धरातल पर सिर्फ यह शोर है। लोकसभा चुनाव के हो चुके दो चरणों में सिर्फ 8% महिलाओं की भागीदारी सच्चाई का प्रमाण है। 

पहले चरण में 135 और दूसरे में सिर्फ 100 उम्मीदवार

इन दो चरणों में चुनावी मैदान में उतरे कुल 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 8% महिलाएं थीं। राजनीतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह आंकड़ा लैंगिक आधार पर पूर्वाग्रह की गंभीर समस्या को दर्शाता है और महिलाओं को सशक्त बनाने की बातें खोखली लगती हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 135 महिला उम्मीदवार थीं, जबकि दूसरे चरण में 100 महिला उम्मीदवार थीं यानी शुरुआती दो चरण में कुल मिलाकर 235 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरीं। पहले चरण में महिला उम्मीदवारों की संख्या के मामले में तमिलनाडु शीर्ष पर रहा। राज्य में पहले चरण में 76 महिला उम्मीदवार थीं लेकिन राज्य के कुल उम्मीदवारों में उनकी हिस्सेदारी केवल आठ प्रतिशत थी जबकि दूसरे चरण में सबसे अधिक 24 महिला उम्मीदवार केरल से चुनावी मैदान में उतरीं। पार्टी-वार देखा जाये तो शुरुआती दो चरण में कांग्रेस ने 44 महिलाओं जबकि भाजपा ने 69 महिलाओं को मैदान में उतारा।

लैंगिक असंतुलन की आलोचना

इस लैंगिक असंतुलन की राजनीतिक विश्लेषकों और कार्यकर्ताओं ने आलोचना की। उनका सवाल है कि दल महिलाओं को अग्रसक्रिय तरीके से टिकट देने के बजाय महिला आरक्षण विधेयक के लागू होने का इंतजार क्यों कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशीला रामास्वामी ने कहा कि राजनीतिक दलों को महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति दलों को अधिक अग्रसक्रिय होना चाहिए था और अधिक महिला उम्मीदवारों को खड़ा करना चाहिए था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इफ्तिखार अहमद अंसारी ने कहा कि भारत के कुल मतदाताओं में लगभग आधी संख्या महिलाओं की है, ऐसे में उम्मीदवारों के रूप में उनका कम प्रतिनिधित्व राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी को रोकने वाली बाधाओं को लेकर सवाल खड़े करता है। 

बीजू जनता दल में महिलाओं की 33% भागीदारी

बीजू जनता दल (बीजद) एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो महिला उम्मीदवारों को नीतिगत तौर पर 33 प्रतिशत टिकट देती है। बीजद के बीजू महिला दल की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष मीरा परिदा ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया और महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने की अपनी पार्टी की पहल की सराहना की। उन्होंने व्यापक सुधारों की वकालत करते हुए कहा कि केवल सीट आरक्षित करना पर्याप्त नहीं हो सकता।

Share this:




Related Updates


Latest Updates