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महासागरों में उद्योग बनीं ‘समुद्री डकैतियों’ को हर हाल में रोकेगी भारतीय नौसेना

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एडमिरल आर हरि कुमार ने ‘आपरेशन संकल्प’ के 100 दिन पूरे होने पर नौसेना की अहम उपलब्धियां गिनायीं

भारतीय समुद्री क्षेत्र सुरक्षित होने तक हौथी विद्रोहियों और सोमालियाई डाकुओं के खिलाफ चलेगा आपरेशन

Indian Navy will stop ‘piracy’ from becoming an industry in the oceans at any cost, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को अदन की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में फिर से समुद्री डाकुओं की गतिविधियां बढ़ने पर चिंता जतायी है। ‘उद्योग’ के रूप में उभरी समुद्री डकैतियों को रोकने के लिए नौसेना ने समुद्र की गहराई में ‘आपरेशन संकल्प’ चलाया है, जिसके सौ दिन पूरे होने पर उन्होंने कहा कि भारतीय समुद्री क्षेत्र सुरक्षित होने तक नौसेना हौथी विद्रोहियों और सोमालियाई डाकुओं के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगी।

दिल्ली में नवनिर्मित मुख्यालय ‘नौसेना भवन’ में पहली बार मीडिया को सम्बोधित करते हुए एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह अत्याधुनिक भवन नौसेना की आधुनिक कहानी को भी बयां करता है। यह भवन नये भारत की नयी नौसेना का भी प्रतीक है। पूरे परिसर के वास्तुशिल्प डिजाइन को अखिल भारतीय स्तर पर कठिन प्रतिस्पर्द्धा के माध्यम से चुना गया था। नौसेना ने अपना पहला स्वतंत्र मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया है। इससे पहले नौसेना 13 अलग-अलग स्थानों से संचालित होती थी। केन्द्रीय और तकनीकी रूप से उन्नत मुख्यालय के निर्माण में आधुनिक सुविधाओं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।

उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद से ही भारत से घिरे समुद्री क्षेत्र में पिछले साल दिसम्बर से डकैतियों और विदेशी जहाजों के अपहरण की घटनाएं बढ़ी हैं। ड्रोन रोधी, मिसाइल रोधी और समुद्री डकैती रोधी हमलों के खिलाफ भारतीय नौसेना के ‘आॅपरेशन संकल्प’ के सौ दिन पूरे होने पर उन्होंने मीडिया से जानकारी साझा की। नौसेना प्रमुख ने कहा कि हालांकि इस दौरान समुद्री डाकुओं ने किसी भी भारतीय जहाज को निशाना नहीं बनाया, लेकिन हौथी विद्रोही इजराइल से जुड़े व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे थे। वे यूके और यूएस जैसे पश्चिमी देशों के झंडे वाले जहाजों को भी निशाना बना रहे हैं।

नौसेना प्रमुख ने बताया कि हमने यह आॅपरेशन इसलिए चलाया है, क्योंकि अदन की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में हौथी विद्रोहियों के निशाने पर आनेवाले विदेशी व्यापारिक जहाजों में से अधिकांश पर भारतीय चालक दल हैं। एडमिरल हरि कुमार ने समुद्री डकैती अधिनियम-2022 के बारे में बताया कि इसने भारतीय नौसेना को समुद्री डाकुओं के जहाजों को कब्जे में लेने, उन पर चढ़ने और उनकी खोज करने में सक्षम बना दिया है। हमने ‘आॅपरेशन संकल्प’ के तहत एंटी पाइरेसी, एंटी मिसाइल और एंटी ड्रोन आॅपरेशन के लिए पूरे क्षेत्र में 10 युद्धपोत तैनात किये हैं। इनका कार्य व्यापारिक जहाजों को सुरक्षित रूप से तटों तक पहुंचने के लिए सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना है। हमारे जहाज वहां तैनात हैं, जहां से वे पहले उत्तरदाता के रूप में हमलों या घटनाओं का जवाब दे सकते हैं।

एक सवाल के जवाब में एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में बुल्गारिया के ध्वजवाले व्यापारिक जहाज एमवी रुएन का सोमालियाई समुद्री डाकुओं ने कब्जे में लिया था, जो 2017 के बाद से देश के तट से किसी जहाज का पहला सफल अपहरण था। उन्होंने पिछले साल दिसम्बर से सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में रहनेवाले एमवी रुएन को चालक दल सहित छुड़ाने को नौसेना के ‘आॅपरेशन संकल्प’ की सबसे बड़ी उपलब्धि बतायी। उन्होंने कहा कि इसी अभियान के दौरान 3300 किलोग्राम नारकोटिक्स की बरामदगी भी आॅपरेशन की सफलता रही है। नौसेना ने इस दौरान 35 समुद्री डकैतियों को नाकाम करके चालक दल को सुरक्षित बचाया है, पाकिस्तानी, ईरानी और भारतीय नागरिक हैं।

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