– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

भारत की यूपीआई सेवाएं अब श्रीलंका और मॉरीशस में भी हुईं शुरू

ec31c206 9dad 4a15 a029 6c939402e757

Share this:

National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवाएं सोमवार को श्रीलंका और मॉरीशस में एक वर्चुअल समारोह के दौरान शुरू की गयीं। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

यूपीआई सेवाओं की शुरुआत से श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करनेवाले भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत की यात्रा करनेवाले मॉरीशस के नागरिकों को भुगतान में आसानी होगी। इस पहल से डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में आज के दिन को हिन्द महासागर के तीन मित्र देशों के लिए विशेष दिन बताया। उन्होंने कहा कि अपने ऐतिहासिक संबंधों को आज हम आधुनिक डिजिटल रूप से जोड़ रहे हैं। ये हमारे लोगों के विकास के लिए हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “इससे हमारे (भारत, श्रीलंका और मॉरीशस) के बीच पर्यटन बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि भारतीय पर्यटक भी उन गंतव्यों को पसंद करेंगे जहां यूपीआई सेवाएं उपलब्ध हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल श्रीलंकाई राष्ट्रपति और मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा एक विजन दस्तावेज अपनाया गया था। वित्तीय सम्पर्क बढ़ाना इसका अहम हिस्सा था। प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि श्रीलंका और मॉरीशस के यूपीआई सिस्टम से जुड़ने से दोनों देशों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एशिया में नेपाल, भूटान, सिंगापुर और खाड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के बाद अब मॉरीशस से रुपे कार्ड की शुरुआत अफ्रीका में हो रही है। इससे मॉरीशस से भारत आनेवाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, “भारत में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। हमारे छोटे से छोटे गांव में छोटे से छोटे व्यापारियों के लिए भी डिजिटल पैठ चल रही है, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ स्पीड भी है।”

उन्होंने कहा कि फिनटेक कनेक्टिविटी के माध्यम से केवल क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन को ही नहीं, क्रॉस बॉर्डर कनेक्शन को भी बल मिलेगा। भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई, अब नया दायित्व निभा रहा है- यूनाइटिंग पार्टनर्स विद इंडिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सुदूर गांवों में छोटे व्यापारी डिजिटल भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ गति भी है। पिछले साल, यूपीआई लेनदेन 100 बिलियन का आंकड़ा पार कर गया, जिसकी राशि 02 लाख करोड़ रुपये थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ह्यपड़ोस प्रथमह्ण नीति रही है। हमारा समुद्री दृष्टिकोण है- ”सागर”, यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। हमारा लक्ष्य पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत ने कोविन प्लेटफार्म के जरिये दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया था। प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पारदर्शिता बढ़ी है तथा भ्रष्टाचार में कमी आयी है। अर्थव्यवस्था भी अधिक समावेशी होती जा रही है। लोग अब सरकार पर पहले जैसा भरोसा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे आपदा प्राकृतिक हो, हेल्थ सम्बन्धी हो, आर्थिक हो या अंतरराष्ट्रीय पटल पर साथ देने की बात हो, भारत पहला प्रतिसादकर्ता रहा है, और आगे भी रहेगा।

Share this:




Related Updates


Latest Updates