Pakistan (पाकिस्तान) में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया से आ रही खबरें बता रही हैं कि वोटिंग में इमरान खान की हार अगर कोई चमत्कार नहीं होता है तो तय है।
एकजुट विपक्ष के पास 199 सांसद
National assembly मैं विभिन्न पार्टियों के सांसदों की संख्या से स्पष्ट है कि इमरान खान की पार्टी कहीं भी बहुमत के करीब तक नहीं दिख रही है। 342 सांसदों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत का जादुई आंकड़ा 172 है। प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी इससे काफी दूर है। उनके पास 142 सांसदों का समर्थन है। एकजुट हुए विपक्ष के पास 199 सांसद हैं। ऐसे में इमरान का जाना और विपक्षी मोर्चे का सत्ता में आना तय है। लेकिन, नयी सरकार के भविष्य को लेकर कुछ कहना बहुत कठिन है। देखना होगा कि अगर विपक्ष की सरकार बन भी जाती है तो कितने समय तक चल पा रही है या अंततः पाकिस्तान को मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़ेगा।
शहबाज बन सकते हैं अगला पीएम
विपक्षी मोर्चे में जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) नयी सरकार के प्रमुख घटक होंगे। नवाज की पीएमएल-एन के नेशनल असेंबली में 84 जबकि पीपीपी के 47 सांसद हैं। लिहाजा पीपीपी पहले ही नवाज की पार्टी को प्रधानमंत्री का पद देने को तैयार है। नवाज शरीफ के भाई शहबाज का अगला पीएम बनना तय माना जा रहा है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे में मजबूत आधार वाली पीएमएल-एन और सिंध की ताकतवर पार्टी पीपीपी कभी धुर विरोधी रही हैं। अब सत्ता के लिए इन्होंने हाथ मिला लिया है। वास्तव में सरकार बनाना एक बात है और उसकी मजबूती तथा भविष्य में टिके रहना दूसरी बात।