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ऐसा भी कहीं होता है : कम खर्च कर अधिक काम, इसी पॉलिसी के तहत गूगल ने छीन ली कई कर्मियों की रोजी

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This also does not happen: More work by spending less, under this policy Google took away the livelihood of many employees, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, business news, Global News : प्राइवेट सेक्टर में कम खर्च और अधिक काम का फंडा कोई नया नहीं है। इसी नीति के आधार पर कंपनियां अपने कर्मियों की छंटनी करती रहती है। कोरोना पीरियड के बाद यह पॉलिसी और ज्यादा सख्त हो गई है। अब यह सुनने में आया है कि दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने लागत कम करने के लिए अपने कई कर्मचारियों की रोजी छीन ली है। इस बीच बिजनेस इनसाइडर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि Google ने अपने रियल एस्टेट और वित्त विभागों से भी कर्मचारियों की कटौती की है। रिपोर्ट के अनुसार, Google के फाइनेंस चीफ, रूथ पोराट ने कर्मचारियों को एक ईमेल में बताया कि रीस्ट्रक्चर में बैंगलोर, मैक्सिको सिटी और डबलिन में विकास का विस्तार शामिल है।

एक झटके में तोड़ दिया 2 दशकों का करियर

एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर कम महंगे कामगारो को काम पर रखकर लागत कम करने के उद्देश्य से हाल ही में नौकरी में कटौती की गई, जिसके बाद पूरी पायथन टीम को निकाल दिया है। सोशल ऐप मास्टोडॉन पर एक यूजर (पूर्व गूगल कर्मचारी) ने पोस्ट में Google Python की पूरी टीम निकाले जाने की जानकारी दी है। उस व्यक्ति ने बताया कि Google में दो दशक का करियर एक झटके में खत्म हो गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह पूंजीवाद के नकारात्मक पहलुओं और अमेरिकी सपने से मोहभंग के मानवीय पक्ष को दर्शाता है। यूएस की पायथन टीम में 10 से कम सदस्य थे, लेकिन यह Google के पायथन इकोसिस्टम के अधिकांश हिस्सों का मैंनेजमेंट करती थी।

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