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Jharkhand: यहां मिलता है भरपेट खाना, वह भी बिल्कुल मुफ्त, जानिए किसका है प्रबंधन

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Ranchi news, Jharkhand news: देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिसे दो जून की रोटी तक सही ढंग से मयस्सर नहीं होती। भूख की ज्वाला शांत करने के लिए कोई कचरे से खाना बीन रहा होता है तो कोई  दर-दर हाथ फैलाया फिरता है। ऐसे में अगर कोई संस्था किसी को सम्मान के साथ रोटी मुहैया कराए तो वह वास्तव में उसके लिए देवतुल्य हो जाता है। अगर अपने देश में गरीबी है, मजबूरी है, लाचारी है तो बड़ी संख्या में दानबीर भी हैं। यहां हजारों संस्थाएं, मंदिर और गुरुद्वारा प्रबंधन इन गरीबों को केन्द्र में रखकर भंडारा, लंगर आदि का नियमित तौर पर आयोजन करते हैं। अपनी रांची भी इस मामले में कतई पीछे नहीं है। आइये आपको रांची की एक ऐसी ही संस्था से साक्षात्कार कराएं, जिसके सौजन्य से हर दिन दर्जनों लोगों की क्षुधा शांत होती है।

लोग खाते भी हैं, ले जाते भी हैं

रांची जिला मारवाड़ी समिति, एक ऐसा नाम जो वर्षों से गरीबों को अन्न मुहैया करा रहा है। रांची के किशोरगंज स्थित पहाड़ी मंदिर के समीप बालाजी भगवान मंदिर के ठीक सामने रांची जिला मारवाड़ी समिति का भोजनालय है, जहां आपको मुफ्त में चावल, दाल, सब्जी, रोटी औऱ सलाद खाने को उपलब्ध रहता है। यहां हर दिन 120 से 150 लोग खाते हैं। इनमें दिहाड़ी मजदूर भी हैं तो मजबूर और परित्यक्त भी। यहां हर दिन लगभग आधा मन चावल, लगभग इतनी ही सब्जी, 10 किलोग्राम दाल और लगभग पांच किलोग्राम प्याज की खपत है। लोग यहां खाते भी हैं और चने-फिरने से मजबूर सदस्यों के लिए खाना पैक करके भी ले जाते हैं।

10 रुपए की टोकन मनी, है तो स्वेच्छा से दे जाओ

समिति की ओर से भोजन करनेवालों के लिए 10 रुपये की टोकन मनी निर्धारित है, लेकिन यह अनिवार्य शर्त बिल्कुल नहीं है। अगर आप इतना दे पाने में सक्षम हैं तो दे जाएं, नहीं तो आपसे कोई मांगेगा नहीं। यह राशि सिर्फ इसलिए रखी गई है ताकि किसी के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे, उन्हें ऐसा न लगे कि वे मुफ्त की रोटी तोड़ रहे है। समिति की बात करें तो इसने कभी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया। यहां जो भी बनता है, उसकी क़्वालिटी ए वन होती है। समिति का मानना है कि अगर भगवान ने आपको सक्षम बनाया है तो उसे बांटिए। इंसान होने का फर्ज अदा कीजिए।

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