– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

Letter To Governor : भाजपा नेताओं ने 11 अप्रैल के सचिवालय घेराव के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्यपाल को लिखा पत्र

BJP leaders meet governor

Share this:

Jharkhand Update News, Ranch, BJP, Letter To Governor  : 11 अप्रैल को प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा किये गये कथित पुलिसिया दमन व लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराने व समुचित कार्रवाई हेतु निर्देश देने की मांग को लेकर नेता विधायक दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, प्रदेश भाजपाअध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रदीप वर्मा व बालमुकुंद सहाय ने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में इन नेताओं ने राज्यपाल से कहा है कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी लगातार महागठबंधन सरकार की विफलताओं, नाकामियों को उजागर करती रही है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने भी झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार की जनविरोधी नीतियों व इनकी वादा खिलाफी को सड़क से सदन तक लगातार उजागर किया है।

नेताओं ने राज्यपाल से कहा है, “आपके संज्ञान में यह बात अवश्य है कि किस प्रकार से केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गम्भीर मामले आये दिन उजागर हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नीयत में ही खोट है। यह सरकार राज्य का विकास नहीं करना चाहती, बल्कि अपने परिजनों और चहेतों को केवल खनिज संसाधनों और राज्य के खजाने को लूटने की छूट देना चाहती है। राज्य सरकार की तुष्टीकरण नीति का परिणाम है कि राज्य के अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। 

बहुसंख्यक समाज के पर्व-त्योहारों, सांस्कृतिक उत्सवों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। विगत दिनों जमशेदपुर में दो समुदायों के बीच हुए तनाव व भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी राज्य सरकार की तुष्टीकरण नीति को ही उजागर करती है।”

पत्र में नेताओं ने राज्यपाल से कहा है कि प्रदेश भाजपा ने कई सांगठनिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार की नाकामियों एवम जन विरोधी नीतियों को उजागर किया है। पार्टी द्वारा राज्य के सभी 264 प्रखंडों एवं 24 जिलों की सांगठनिक इकाइयों ने अपने-अपने प्रखंडों, जिलों में जोरदार प्रदर्शन किये। तत्पश्चात पार्टी ने प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन की घोषणा की थी।

नेताओं ने राज्यपाल को बताया है कि महागठबंधन सरकार भाजपा के आन्दोलन से डरी-सहमी है, इसलिए भाजपा के हर आन्दोलन को सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुचलने की कोशिश करती रही है। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में तो राज्य सरकार ने हिटलरशाही सोच की पराकाष्ठा पार कर दी। अपने खिलाफ हो रहे जनान्दोलनों को कुचलने की नयी परम्परा शुरू कर दी। 

नेताओं ने कहा है कि यह सरकार आन्दोलनकारियों को अपराधी मानती है। आन्दोलन के एक दिन पूर्व सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी कर 10 अप्रैल को अपराह्न 2 बजे से 11अप्रैल को अपराह्न 2 बजे तक एंटी क्राइम चेकिंग के नाम पर  प्रदर्शन में आनेवाले नेताओं, वाहन चालकों, मालिकों एवं आम जनता को थाना प्रभारियों द्वारा डराया-धमकाया गया। रैली में आ रहे वाहनों की पूरे रास्ते में जगह-जगह चेकिंग की गयी, ताकि जन सैलाब राजधानी रांची तक नहीं पहुंच सके। रैली के एक दिन पूर्व झामुमो नेता की प्रेसवार्ता में सत्ता का अहंकार और जनान्दोलन का भय स्पष्ट उजागर हुआ। बावजूद इसके प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा।

अपने पत्र में सभी नेताओं ने राज्यपाल से कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता की विफलताओं-नाकामियों को उजागर करना विपक्ष का धर्म है, जिसका पालन लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा ने किया है। इस कार्यक्रम में शामिल हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं एवं आम जनता ने धैर्य एवं संयम का परिचय दिया।  कहीं भी कोई तोड़फोड़ व हिंसा नहीं की। ऐसे में पुलिसिया धौंस, फर्जी मुकदमों, संगीन अपराध की कानूनी धाराओं के आधार पर राज्य सरकार अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालना चाहती है। राज्य सरकार ने तानाशाही और हिटलरशाही को भी मात दे दी है। पत्र में पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने व समुचित कार्रवाई करने की मांग की गयी है।

Share this:




Related Updates


Latest Updates