– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

Ranchi: पहाड़ी मंदिर व संकट मोचन मंदिर के मामले में सांसद ने राज्यपाल को लिखा पत्र

2e8adeb9 b386 4cf5 881a 62120512141c

Share this:

Pahadi mandir, pahadi Mandir Ranchi, Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Ranchi latest news, Jharkhand latest news : रांची के पहाड़ी मंदिर और मेन रोड में स्थित संकट मोचन मंदिर में समिति गठन के मामले को लेकर सांसद संजय सेठ ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखा है। इस पत्र में सांसद ने स्पष्ट रूप से कहा है की आईएनडीआई गठबंधन के द्वारा सनातन को समाप्त करने का संकल्प लिया गया है। इसके बाद राज्य सरकार के संरक्षण में इन मंदिरों की समिति का गठन किया गया है। ऐसे में आशंका है कि ऐसे लोग सनातन को नुकसान पहुंचाने के लिए भी कार्य करेंगे। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए समिति को निरस्त करने का अनुरोध किया है। राज्यपाल को लिखे पत्र में सांसद ने कहा है कि झारखंड सरकार कठऊक एलायंस के तहत संचालित हो रही है। इनके नेताओं ने अभी कुछ दिन पूर्व सनातन विरोधी कई बयान दिए हैं। इसके बाद झारखंड सरकार ने धार्मिक न्यास बोर्ड की घोषणा की है।

अनर्गल फैसले लिए जा रहे हैं

बोर्ड की घोषणा के साथ ही इनके द्वारा कई अनर्गल फैसले किए जा रहे हैं, जो हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले हैं। झारखंड के दो प्रसिद्ध मंदिर पहाड़ी मंदिर एवं संकट मोचन हनुमान मंदिर मेन रोड, रांची के प्रबंध समिति में हस्तक्षेप करते हुए इन्होंने  नई समिति की घोषणा कर दी है। श्री सेठ ने कहा कि यह बेहद दु:खद है कि समिति बनाने के पूर्व न तो किसी की राय ली गई और न ही कोई बैठक बुलाई गई। बिना किसी जांच पड़ताल या नोटिस दिए अथवा बैठक के कुछ लोगों की कमिटी बना दी गई। इसे लेकर सम्पूर्ण सनातन समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि चूंकि हम सब सनातन धर्मावलंबी हैं। इस धर्म के सभी प्रतीकों, प्रसिद्ध संतो, देवी-देवताओं में हमारी अपार श्रद्धा है। श्री सेठ ने कहा कि हमारे रोष और भय का मुख्य कारण यह है कि कठऊक एलायंस के नेताओं ने सनातन को समाप्त करने की घोषणा की है। उसी साजिश के तहत अचानक धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया गया। इस बोर्ड में पूर्ण रूप से राजनैतिक लोगों को शामिल किया गया जो इस गठबंधन के हिस्सा हैं। इसके बाद प्रबंध समिति में अनावश्यक हस्तक्षेप किया गया। इन मंदिरों के प्रति श्रद्धा रखने वालों से बिना किसी सलाह या बैठक के मनमाने तरीके से समिति का गठन घोर निंदनीय एवं आपत्तिजनक है।

Share this:




Related Updates


Latest Updates