Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
Error
Location unavailable
🗓️ Sun, May 4, 2025 🕒 12:37 AM

IMD News: देश में इस साल 105 प्रतिशत हो सकती है मॉनसूनी बारिश

IMD News: देश में इस साल 105 प्रतिशत हो सकती है मॉनसूनी बारिश

Share this:


New Delhi News: देश में इस वर्ष अच्छी बारिश के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को बताया कि जून से सितम्बर 2025 तक मॉनसून बेहतर रहेगा। इस दौरान 105 प्रतिशत मॉनसूनी बारिश हो सकती है। यानी इस साल देश में 87 सेंटीमीटर बारिश होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने मौसम विभाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जून से सितम्बर तक वर्षा सामान्य से अधिक रहेगी। इस साल भारतीय उपमहाद्वीप में मॉनसून के दौरान अल नीनो स्थितियां विकसित होने की सम्भावना नहीं हैं। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की सम्भावना है, केवल उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़ कर सामान्य से कम बारिश होने की सम्भावना है। यानी देश के 80 प्रतिशत जगहों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। सिर्फ नॉर्थवेस्ट, ईस्ट, उत्तर- ईस्टर्न इंडिया में सामान्य से नीचे बारिश होने के आसार हैं।

मॉनसून 01 जून के आसपास केरल के रास्ते आता है
रविचंद्रन ने बताया कि पिछले तीन महीने यानी जनवरी से मार्च 2025 के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में बर्फ की चादर सामान्य से नीचे थी। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत में बर्फ की चादर के विस्तार का भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा के साथ एक सामान्य विपरीत संबंध है। इस साल केरल में मॉनसून आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मई के मध्य में दी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि चार महीने के मॉनसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज 86.86 सेंटीमीटर होता है। यानी मॉनसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए। मॉनसून 01 जून के आसपास केरल के रास्ते आता है। चार महीने की बारिश के बाद यानी सितम्बर के अंत में राजस्थान के रास्ते मॉनसून की वापसी होती है। कई राज्यों में यह 15 से 25 जून के बीच पहुंचता है।


क्या है अल नीनो
अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है। इसमें समुद्र का तापमान 03 से 04 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। भारत में अल नीनो के कारण मॉनसून अक्सर कमजोर होता है, जिससे सूखे की स्थिति बनती है।

Share this:

Latest Updates