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National: दुश्मनों को ढेर करेगा भारत का मानव रहित स्वदेशी विमान, डीआरडीओ ने बतायी ताकत

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India’s unmanned indigenous aircraft will destroy enemies, DRDO shows its power, Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, DRDO, Bengaluru : भारत बहुत तेजी के साथ अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है। राफेल, अपाचे जैसे खतरनाक लड़ाकू विमान भारत के पास मौजूद हैं। इस बीच अब अपने देश में मानव रहित लड़ाकू विमान का निर्माण किया गया है। इस तरह के लड़ाकू विमान बनानेवाले देशों की सूची में चीन-अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों के बाद भारत का भी नाम शामिल हो गया है। इस विमान का दूसरी बार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में 15 दिसम्बर को डीआरडीओ ने एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में परीक्षण किया।

विमान की विशेषता 

इस विमान की विशेषता यह है कि यह बिना पायलट के खुद ही उड़ान भर सकता है और अपने आप ही जमीन पर लैंडिंग कर सकता है। इस विमान में खतरनाक मिसाइल और बम फिट किये जा सकते हैं और यह अपने टारगेट को हिट करके वापस आ सकता है। यह अपने मिशन को बिना किसी बाहरी मदद के खुद ही अंजाम दे सकता है।

स्वदेशी पायलट रहित प्लेन

संदर्भ को लेकर सोशल मीडिया पर डीआरडीओ ने पोस्ट करके कहा, “इस परीक्षण को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह प्लेन पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था। इस दौरान प्लेन ने खुद ही उड़ान भरी और फिर आसमान में काफी देर तक गोते लगाने के बाद वह खुद ही नीचे रनवे पर लैंड कर गया। इस पायलट रहित प्लेन को डीआरडीओ की रिसर्च लेबोरेट्री एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने विकसित किया है।”

06 ट्रायल हो चुके हैं पूरे

इस विमान के परीक्षण के बाद अगले कुछ समय में इसे सेनाओं को ट्रायल के लिए सौंपा जा सकता है। इस प्लेन का पहली बार ट्रायल इसी साल 01 जुलाई को हुआ था। अब तक इसके 06 ट्रायल हो चुके हैं। इस प्लेन की बहुत सारी खूबियों को सीक्रेट रखा गया है। डीआरडीओ से मिली रिपोर्ट की मानें, तो इस प्लेन को स्वदेशी रूप से विकसित हल्के कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह ग्राउंड रडार की मदद के बिना ही उड़ कर दुश्मनों पर कहर ढा सकता है। इस विमान में भारतीय जीपीएस गगन से जोड़ा गया है, जो इसे उड़ने और मिशन को सटीक तरीके से पूरा करने में मदद करता है। इस कारण यह दुश्मन के लिए उड़ता हुआ काल माना जा रहा है।

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