▪︎ केन्द्रीय गृहमंत्री नीमच में सीआरपीएस के 86वें स्थापना दिवस समारोह में हुए शामिल
Nimach News : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उनके मार्गदर्शन में वर्ष 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त होगा। इस प्रण को पूरा करने में सीआरपीएफ की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न कराये। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जहां जरूरत होती है, सीआरपीएफ के जवान सदैव उपलब्ध होते हैं। जब भी देश का स्वर्णिम इतिहास लिखा जायेगा, उसमें सीआरपीएफ के शहीदों के नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखे जायेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे।
गृह मंत्री ने सीआरपीएफ स्थापना दिवस कार्यक्रम को किया सम्बोधित
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह गुरुवार को नीमच स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कर्मियों के अदम्य साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने सीआरपीएफ बल की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी गतिविधियां, शांति स्थापना के कार्यों में निभायी गयी भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां सीआरपीएफ है, वहां चिन्ता करने की कोई बात नहीं।”
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज सीआरपीएफ के तीन लाख जवान देश में कानून-व्यवस्था और शांति स्थापित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। देश की संसद पर आतंकी हमले और श्रीराम जन्मभूमि पर हमले जैसी मुश्किल समय में कई बार सीआरपीएफ जवानों ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया। उन्होंने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि सीमाई क्षेत्रों से लेकर अंदरूनी इलाकों तक देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ के योगदान को कोई भुला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सीआरपीएफ कर्मियों को आयुष्मान कार्ड और आवास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सीआरपीएफ में अब महिला कर्मियों की भर्ती हो रही है। उनके लिए भी आवास सुविधा विकसित की जा रही है। सीआरपीएफ को आधुनिक बनाये रखने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से उत्कृष्ट सुविधा प्रदान की जा रही है। सीआरपीएफ को 2708 वीरता पदक प्राप्त हुए हैं, जो विलक्षण हैं।
गृह मंत्री ने भव्य परेड का किया निरीक्षण
इस अवसर पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 86वें स्थापना दिवस की परेड का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने भव्य परेड का निरीक्षण कर, परेड की सलामी ली। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कार्मिकों के अदयम साहस एवं समर्पण की सराहना की। उन्होंने बल की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांति स्थापना के कार्यों और अन्य महत्त्वपूर्ण दायित्वों में निभायी गयी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि “जहां सी.आर.पी.एफ.है, वहां चिन्ता की कोई बात नहीं।” उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ को देश ही नहीं, पूरी दुनिया के सबसे बड़ा अर्द्ध सैनिक बल का गौरव हासिल है। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने ग्रुप सेंटर परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर माल्यार्पण कर राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देनेवाले वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने परेड की सलामी ली, जिसमें सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि शाह ने वीरता पदकों के लिए चयनित जवानों को सम्मानित किया तथा सराहनीय व विशिष्ट सेवा के लिए अन्य कर्मियों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में कोबरा, आरएएफ, वैली क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड जैसी विशेष इकाइयों द्वारा प्रभावशाली प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री शाह का सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत उद्बोधन में उन्होंने सीआरपीएफ की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मुख्य रूप से थे शामिल
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया, सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिह, क्षेत्र के लोकसभा सांसद सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर सहित जिले के तीनों विधायकगण व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। गौरतलब है कि 86वीं सीआरपीएफ दिवस परेड इस वर्ष 17 अप्रैल को विस्तारित समारोहों के अन्तर्गत आयोजित की गयी। सामान्यत: सीआरपीएफ दिवस प्रतिवर्ष 19 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि 1950 में इसी दिन भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था। इस वर्ष नीमच में आयोजन का विशेष महत्त्व इसलिए भी है, क्योंकि यहीं 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश शासन के दौरान ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना हुई थी। स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसम्बर 1949 को सरदार पटेल ने इसे “केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)” नाम दिया। आज सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा का मजबूत स्तम्भ है, हर चुनौतीपूर्ण मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में डटे रह कर, “सेवा और निष्ठा” के अपने मूलमंत्र को चरितार्थ कर रहा है।