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NEW DELHI : उपहार सिनेमा हादसे में दोषी सुशील अंसल से जुड़े मामले में पुलिस को नोटिस

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उपहार सिनेमा हादसे के दोषी सुशील अंसल ने पासपोर्ट नवीनीकरण में भी धोखाधड़ी किया था। मामले में भ्रामक जानकारी देने पर दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने नोटिस जारी कर अभियुक्त पर अभियोजन चलाने का निर्देश दिया है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान इस मामले की शिकायतकर्ता ने कोर्ट से शिकायत की। इस मामले में उप-राज्यपाल ने 16 सितंबर 2021 को ही अभियोजन चलाने की अनुमति दे दी थी। इसकी सूचना दिल्ली पुलिस आयुक्त के दफ्तर को भी उसी दिन दे दी गई थी। तब कोर्ट ने जांच अधिकारी से जवाब तलब किया। दरअसल जांच अधिकारी ने 31 जनवरी को कोर्ट को बताया था कि वो सुशील अंसल के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति हासिल करने के लिए दिए गए आवेदन पर आदेश लंबित है।

सुशील अंसल ने जानबूझकर छुपाई जानकारी

बता दें कि इस मामले में दाखिल चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उपहार सिनेमा त्रासदी के दोषी सुशील अंसल ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूचना जानबूझकर छिपाई। कोर्ट में दाखिल आठ पन्नों के चार्जशीट में कहा गया है कि सुशील अंसल ने सरकारी प्राधिकार के समक्ष झूठे हलफनामा के जरिये ये कहा कि उसे किसी भी कोर्ट ने दोषी नहीं करार दिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 2013 में अंसल ने तत्काल पासपोर्ट के लिए आवेदन दाखिल किया। तत्काल स्कीम के तहत आवेदक को हलफनामा देना होता है कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस लंबित नहीं है और उसे किसी कोर्ट ने पहले कभी दोषी करार नहीं दिया है। झूठे हलफनामा के जरिये अंसल ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को भ्रमित किया।

हाईकोर्ट के आदेश पर की गई थी एफआईआर

सुशील अंसल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट में सुशील अंसल के खिलाफ उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने याचिका दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि अंसल ने पासपोर्ट की अतिरिक्त पुस्तिका के लिए आवेदन करते समय जानबूझकर झूठा हलफनामा दिया था। उस हलफनामे में अपने दोषी होने के तथ्य को छिपा दिया था।
13 जून, 1997 को हुआ था हादसा

बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मची भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। बता दें कि कोर्ट सुशील अंसल और गोपाल अंसल के खिलाफ इस मामले में साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के दूसरे मामले में दोषी करार दे चुकी है।

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