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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रगान के वक्त खड़े नहीं हुए अधिकारी, फिर क्या हुआ जानिए…

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Budget session Jharkhand : 27 फरवरी से शुरू हुए झारखंड विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को जैसे ही विधानसभा के सभा वेश्म में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का आगमन हुआ और उन्होंने आसन ग्रहण किया । इसके बाद राष्ट्रगान शुरू हुआ तो इसके सम्मान में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्पीकर समेत सभी मंत्री और विधायक के साथ-साथ आला अधिकारी भी अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए । इससे इतर कुछ अधिकारी ऐसे भी थे, जो अपनी कुर्सी से चिपके रहे। इससे पहले की राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होता, विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने राष्ट्रगान के दौरान कुछ अधिकारियों के बैठे रहने पर आपत्ति जताई। इसके बाद क्या हुआ, जानिए…

विधायिका ने उठाई उंगली तो कार्यपालिका ने अपनी सफाई में दे डाले कई उदाहरण, कहा-कहां लिखा है…

भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने जहां अधिकारियों की इस हरकत पर उंगली उठाई है, वहीं अधिकारियों का समूह इसे कुछ खास तवज्जो नहीं दे रहा। एक वरिष्ठ आइएएस अफसर ने इस मामले में साफ-साफ कहा कि ऑफिसर गैलरी कभी भी सदन का हिस्सा नहीं रहा है। सदन में सिर्फ राज्यपाल के अलावा चयनित विधायक ही जा सकते हैं। मीडिया, अधिकारी, आगंतुक अतिथियों की गैलेरी अलग होती है। ये सिर्फ सदन की कार्यवाही देख सकते हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर सवाल-जवाब ही बेकार है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, एक बार शोक प्रस्ताव के दौरान कुछ अधिकारी खड़ा हो गए थे तो स्पीकर की ओर से यहां तक कहा गया कि हमारा खड़ा होना उचित नहीं, क्योंकि वे सदन के हिस्सा नहीं, बल्कि सदन की कार्यवाही चलाने में मदद को होते हैं। इस बीच राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अफसर ने कहा कि कोई अधिकारी अगर बिना अनुमति के सदन में प्रवेश करता है तो उसे 500 रुपए तक जुर्माना देना होता है। फिर ऐसे में राष्ट्रगान के समय खड़ा होने की बात पर बहस बेकार ही है।

पूर्व विधानसभाध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी की टिप्पणी

बहरहाल, इस मसले पर झारखंड के पहले विधानसभाध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी अधिकारियों के साथ खड़े नजर आते हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि राष्ट्रगान के दौरान अधिकारी खड़े हो हीं, यह कतई आवश्यक नहीं है। हां, सवाल राष्ट्र के सम्मान का है औऱ अगर आप अधिक संववदनशील हैं तो आप खड़े हो भी सकते हैं।

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