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चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, कहा- यह लोकतंत्र की हत्या

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सीजेआई ने चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक स्थगित की, दोबारा चुनाव कराने के दिये संकेत

Supreme Court’s strict stance on Chandigarh Mayor election, said- this is murder of democracy, New Delhi top news, top national news : सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में निर्वाचन अधिकारी की ओर से धांधली किये जाने के आरोप पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने चुनाव का वीडियो देखने के बाद कहा कि निर्वाचन अधिकारी मतपत्र कैसे खराब कर सकता है, उस पर मुकदमा चलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 07 फरवरी को होनेवाली चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक को स्थगित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो दोबारा चुनाव कराये जायेगे। कोर्ट ने कहा कि अभी मतपत्र और मतदान का वीडियो पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को सौंप दिया जाये। सुप्रीम कोर्ट में जब चुनाव का वीडियो चलाया गया, तो कोर्ट ने कहा कि क्या इस तरह चुनाव आयोजित किये जाते हैं। यह लोकतंत्र का मजाक है। निर्वाचन अधिकारी पर मुकदमा चलना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी कैमरे पर क्यों देख रहे हैं और वह भगोड़े की तरह क्यों भाग रहे हैं।

सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा के एक उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी चुना गया और उसने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया और उसने कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के आठ पार्षदों के बैलेट पेपर को जान-बूझ कर खराब कर दिया।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वीडियो ने केवल एक पक्षीय कहानी बतायी है। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि पूरी रिकॉर्डिंग देखने के बाद इस पर समग्र रुख अख्तियार करें। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पर हमें जरूरी अंतरिम आदेश पारित करना होगा, जो हाई कोर्ट ने नहीं किया।

दरअसल, आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने 30 जनवरी को हुए चुनावों के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित करने वाले चुनाव परिणाम पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद के लिए तय कर दी है।

पार्षद कुलदीप कुमार ने याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द कर चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने की मांग करते हुए कहा है कि मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगायी जाये। याचिका में पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच कराने और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में नये सिरे से चुनाव कराने के निर्देश जारी करने की मांग की गयी है।

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