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Talaq : रेमंड कंपनी के चेयरमैन गौतम सिंघानिया की पत्नी देंगी तलाक, इसके लिए रखी यह शर्त

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National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Nawaz Modi Singhania, Big condition laid for divorce, industrialist Gautam Singhania, Raymond industry chairman  : देश के जाने-माने उद्योगपति, रेमंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी के बीच रिश्ते अब सामान्य नहीं रहे। गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया अपने पति से अलग होने का फैसला कर लिया है। वह अब अपने पति को तलाक देंगी। इसके लिए उन्होंने बहुत बड़ी शर्त रखी है। बता दें की 32 साल तक एक दूसरे का साथ निभाने वाली जोड़ी अगले कुछ दिनों में एक- दूसरे का साथ छोड़ देगी। शादी के 32 साल बाद दोनों एक दुसरे से अलग हो रहे हैं। मिली जानाकारी के अनुसार तलाक के लिए उनकी पत्नी ने बहुत बड़ी शर्त रख दी है। उन्होंने अपने पति गौतम सिंघानिया से उनकी कुल नेटवर्थ का 75 प्रतिशत हिस्सा मांग लिया है।

बता दें कि गौतम सिंघानिया का नेटवर्थ 1.4 अरब डॉलर ( करीब 11,660 करोड़ रुपए) का है। इस हिसाब से नवाज मोदी सिंघानिया ने तलाक के बदले में सिंघानिया परिवार से 8,745 करोड़ रुपए की मांग कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवाज मोदी सिंघानिया ने यह रकम अपने और अपनी दो बेटी निहारिका और नीसा के लिए मांगी है।

क्या गौतम सिंघानिया मानेंगे पत्नी की बात ?

मिली जानकारी के मुताबिक उद्योगपति गौतम सिंघानिया ने एक फैमिली ट्रस्ट बनाने का सुझाव दिया है। इसी ट्रस्ट के पास परिवार की सारी संपत्ति और एसेट का मालिकाना अधिकार होगा। वह इस ट्रस्ट के इकलौते ट्रस्टी होंगे। उनकी मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों को इसका वसीयतनामा बनाने का अधिकार होगा। वैसे नवाज मोदी सिंघानिया के इस व्यवस्था पर राजी होने की संभावना नहीं के बराबर है। बताते चलें कि रेमंड ग्रुप में पहले से ही कई ट्रस्ट बने हुए हैं। इनमें जेके ट्रस्ट्स और श्रीमती सुनीति देवी सिंघानिया हॉस्पिटल ट्रस्ट शामिल हैं। इनके पास रेमंड लिमिटेड की 1.04 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गौतम सिंघानिया इन ट्रस्टस के चेयरमैन और मैनेजिंग ट्रस्टी हैं। वहीं गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया भी इनमें एक ट्रस्टी हैं।

किस आधार पर होगा दोनों के बीच का तलाक?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खेतान एंड पार्टनर के एच. खेतान को इस मामले में गौतम सिंघानिया का कानूनी सलाहकार बनाया गया है। वहीं मुंबई की रश्मि कांत नवाज की वकील बन सकती हैं। कानून के जानकारों का मानना है कि अब गौतम सिंघानिया का फैमिली ट्रस्ट बनाकर अकेले चेयरमैन और ट्रस्टी बने रहना मुश्किल हो सकता है। ट्रस्ट बनाने से जुड़े कानून के अनुसार किसी ट्रस्ट को चलाने के लिए 3 मुख्य लोगों का होना जरूरी होता हैं। इनमें एक ट्रस्ट सेटलर, एक ट्रस्टी जो एडमिनिस्ट्रेशन (प्रशासक) हेड होता है, और एक लाभार्थी होता है। इन तीनों का अलग होना जरूरी है। एक ही व्यक्ति ये तीनों पद नहीं संभाल सकता।

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