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हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, कांग्रेस के सभी बागी विधायकों की सदस्यता खत्म 

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Himachal Pradesh political crisis, Himachal Pradesh news, Shimla news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : हिमाचल प्रदेश में अपने बागी विधायकों के कारण संकट में फंसी सुक्खू सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी है। इसी बीच हिमाचल  प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस के छह बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी। बता दे की विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने यह निर्णय बतौर ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष के रूप में सुनाया। उन्होंने कांग्रेस  के व्हिप का उल्लंघन करने और दलबदल विरोधी कानून के तहत इन विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है। जिन छह बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया है, उनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, देविंद्र भुट्टो राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के इतिहास में अपने किसी विधायक को अयोग्य करार देने का यह पहला फैसला है।

कांग्रेस पार्टी ने जारी किया था व्हिप

गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शिमला में एक पत्रकार सम्मेलन में अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि उन्हें संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान की ओर से पार्टी के छह विधायकों के खिलाफ दल बदल निरोधक कानून के तहत शिकायत मिली थी। उन्होंने इस शिकायत पर कांग्रेस के बागी विधायकों और पार्टी के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनीं। इसके बाद उन्होंने यह फैसला किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि कांग्रेस पार्टी ने कटौती प्रस्तावों और वित्त विधेयक को सदन में पारित करने को लेकर व्हिप जारी किया था। बागी विधायकों ने इन दोनों ही दिन हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अयोग्य करार दिए गए विधायकों को ई-मेल और व्हाट्सएप से पार्टी व्हिप के उल्लंघन के मामले में हुई सुनवाई में हाजिर होने की सूचना दी गई थी। उन्होंने कहा कि वैसे भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की पहली ई-विधानसभा है। इसलिए विधानसभा सदस्यों को निजी तौर पर किसी भी प्रकार का आदेश पहुंचाना जरूरी नहीं है।

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