दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर पथराव और बाद में दो समुदायों के बीच दंगे में फायरिंग में संलिप्त तीन आरोपितों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। चार दिन पहले ही बंगाल पहुंची दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने शुक्रवार देर रात महिषादल के कंचनपुरा गांव में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर इनकी गिरफ्तारी की है। तीनों की पहचान असलम अली, असगर अली और मुख्तार अली के रूप में हुई है। तीनों एक ही परिवार के हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद जहांगीरपुरी हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
पूर्वी मेदिनीपुर में बड़ी संख्या में हैं बांग्लादेशी
सूत्रों ने बताया है कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिला अंतर्गत महिषादल के आसपास बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं, जो कभी बंगाल में तो कभी दिल्ली के जहांगीरपुरी में जाकर रहते हैं। 2020 के दिल्ली दंगे के समय भी ये लोग वहां गए थे और हिंसा की थी। उसके बाद शाहिनबाग अराजकता मामले में भी शामिल थे। यह भी आरोप है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय मतदान करने के लिए भी ये लोग आए थे और गत वर्ष दो मई को जब चुनाव परिणाम घोषित हुआ था तब भी आसपास के क्षेत्र के भाजपा समर्थकों के अलावा ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी पर हुए हमले में भी दिल्ली दंगे के आरोपित अंसार और अन्य लोग शामिल थे।
हिंसा में इन तीनों की सीधी संलिप्तता
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा में इन तीनों की सीधी संलिप्तता रही है। वारदात के बाद ये भागकर बंगाल आ गए थे। पता चला है कि महिषादल और हल्दिया के रहने वाले आठ लोग दिल्ली दंगों में संलिप्त रहे हैं। छह लोगों के बारे में जानकारी मिल चुकी है बाकी लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस की मदद से इन तीनों को पकड़ा गया है। यह भी पता चला है कि यह लोग सीधे मोबाइल पर बात करने के बजाय वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकोल (वीओआईपी) के जरिए बात करते थे। पुलिस की टीम इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईडीपीआर) के जरिए इनकी तलाश में जुटी हुई थी। इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद बंगाल से और लोगों के पकड़े जाने की संभावना है।