Jharkhand (झारखंड) के देवघर में त्रिकूट पहाड़ पर हुए रोपवे हादसे के बाद बचाव कार्य के दौरान 11 अप्रैल को भी को एक पर्यटक की मौत हो गई। 10 अप्रैल को दो महिलाओं की मौत हुई थी। 11 अप्रैल को सुबह से शुरू किए गए रेस्क्यू आपरेशन के बाद 32 पर्यटकों को रोपवे पर फंसी ट्रॉलियों से निकाला गया। देर शाम तक 15 और पर्यटक चार ट्रॉलियों में फंसे थे। अब इन्हें मंगलवार को निकाला जाएगा। रात में इनके लिए भोजन पानी की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि देवघर त्रिकुट रोपवे हादसे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है। मैं स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं। शीघ्र ही सभी सकुशल निकाल लिए जाएंगे।
तबीयत बिगड़ने के कारण कुछ यात्रियों को किया गया अस्पताल में भर्ती
बता दें कि 10 अप्रैल को शाम 5 बजे हुए हादसे के बाद 26 ट्रॉलियां रोपवे पर फंस गई थी। अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य सोमवार की सुबह शुरू किया गया। इस कार्य में आईटीबीपी, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर और एनटीआरएफ की टीम लगई गई। रविवार शाम से 47 लोग ट्रॉलियों में फंसे रहे और भूखे-प्यासे मौत से जंग लड़ते रहे। इन्हें सोमवार सुबह से निकालने काम शुरू हुआ। शाम तक 32 लोगों को निकाला जा चुका था। दिनभर एक के बाद कई फेरे लगाते हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर, आईटीबीपी और एनडीआरएफ सहित ग्रामीणों की मदद से 12 ट्रॉलियों में फंसे बच्चे, महिला व पुरुष यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। उनमें कुछ यात्रियों की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
1500 फीट की गहराई में गिरने से हुई एक पर्यटक की मौत
बचाव कार्य के दौरान ही सोमवार शाम में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से किए जा रहे रेस्क्यू के दौरान एक यात्री की दर्दनाक मौत 1500 फीट की गहराई में गिर जाने के कारण हो गई। बताया जाता है कि शाम लगभग 5:45 बजे जब एक साथ वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू किया जा रहा था। उसी क्रम में ट्रॉली से निकाले जाने के बाद यात्री को बांधा गया लाईफ बेल्ट अचानक हेलीकॉप्टर के गेट तक पहुंचने के पहले खुल गया, जिससे वह नीचे गिर गया। उसकी पहचान दुमका के ककनी गांव के रहने वाले रोजगार सेवक राकेश के रूप में की गई है। उसके हेलीकॉप्टर से गिरने की घटना नीचे खड़े सैकड़ों लोगों द्वारा खुली आंखों से देखे जाने के बाद वहां हो-हल्ला शुरू हो गया। घटना के तुरंत बाद वायुसेना की एक टीम गिरे यात्री को ढूंढने के लिए पहाड़ पर पैदल पहुंच गईं। वहां से उठाकर उसे एम्बुलेंस के माध्यम से सदर अस्पताल भेज दिया गया।