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60 फीट के रावण और मेघनाद का हुआ पुतला दहन 

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मो.मुस्लिम ने किया था दोनों पुतलों का निर्माण, एचईसी शालीमार बाजार में हुआ दहन कार्यक्रम 

Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand news : एचईसी शालीमार बाजार में असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयादशमी के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। रावण दहन कार्यक्रम में 02 लाख से अधिक लोग शामिल हुए और भव्य दृश्य का अलौकिक आनन्द लिया। मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के वित्त सह खाद आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पद्मश्री मुकुन्द नायक, सीआईएसएफ के डीआईजी के.के.सिंह, विजयादशमी रावण दहन समारोह समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे, संरक्षक लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू, समाजसेवी रोहित उरांव, समिति के अध्यक्ष संजीत यादव, महासचिव अभिषेक साहू एवं कोषाध्यक्ष रवि शंकर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।बिहार के गया जिले के कारीगर मो.मुस्लिम द्वारा 60 फीट लम्बा वाटर प्रूफ रावण एवं मेघनाद का पुतला बनाया गया था, जिसके अंदर पटाखे भी डाले गये थे।

मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने बुराई का प्रतीक माने जानेवाले रावण का और सुबोध कान्त सहाय ने कुम्भकर्ण का पुतला दहन किया एवं पद्मश्री मुकुन्द नायक एवं आलोक कुमार दूबे ने लंका दहन किया। रावण दहन के पूर्व खुली जीप पर डा रामेश्वर उरांव, सुबोधकांत सहाय, मुकुन्द नायक, आलोक दूबे, संजीत यादव, अभिषेक साहू, राजेश यादव ने खुली जीप पर घूम कर मौजूद श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। कोषाध्यक्ष रविशंकर जीप चला रहे थे। लगभग एक घंटे तक आतिशबाजी सतरंगी छटा बिखेर रही थी।

रावण दहन असत्य पर सत्य की जीत है, बुराई पर अच्छाई की जीत है : रामेश्वर उरांव

 अपने संबोधन में डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि रावण दहन असत्य पर सत्य की जीत है, बुराई पर अच्छाई की जीत है। उन्होंने कहा रावण के साथ-साथ अपनी बुराइयों और कमजोरियों को भी हमें जला देना है। जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय हासिल की, उसी प्रकार भारत की सेना भी इतनी मजबूत हो कि कोई बाहरी आक्रमण हमारा नुकसान नहीं कर सके। हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि राज्य को अच्छा बनायें, शांति हो, अमन, सद्भावना, भाईचारगी के साथ निरन्तर आगे बढ़ें, तभी विजयादशमी का अनुभव होगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि समाज में इतने रावण बढ़ गये हैं कि उतने राम कहां से लायेंगे। रावण दहन प्रतीकात्मक तौर पर हर साल मनाते हैं। इसका उद्देश्य है हमें बुराई और असत्य को अपने अंदर से दूर करना है।

समाज में फैली बुराइयों का अंत करने का संकल्प लेने का आज दिन : पद्मश्री मुकुन्द नायक

पद्मश्री मुकुन्द नायक ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज में फैली बुराइयों का अंत करने का संकल्प लेने का आज दिन है। रावण दहन समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे ने कहा कि एचईसी के स्थापना काल से 1967 में यहां काम करनेवाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसे बाद के दिन में नयी पीढ़ी एवं सामाजिक व युवा कार्यकर्ता मिल कर इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं ; विशेषकर रावण दहन समारोह समिति के अध्यक्ष संजीत यादव एवं अभिषेक साहू, जिन्होंने  2015 से  जिम्मेदारी सम्भाली है।इसके पूर्व विजयादशमी रावण दहन समिति के अध्यक्ष संजीत यादव एवं महासचिव अभिषेक साहू ने अतिथियों का स्वागत बुके एवं चुनरी भेंट कर किया। जबकि, दुर्गेश यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। समिति की सदस्या शालिनी कुमारी, खुशबू कुमारी, कोमल कुमारी, सचिन कुमारी ने अतिथियों के माथे पर तिलक लगाया एवं युवा दस्ता के कार्यकर्ता अनियंत्रित भीड़ को सम्भाल रहे थे। रावण दहन समारोह में उपस्थित होने एवं सफल बनाने में शोभा यादव, कृष्ण मोहन सिंह, धर्मेन्द्र गिरि, राजेश यादव, काजल भट्टाचार्य, परमेश्वर सिंह, कमलेश प्रसाद, सागर यादव, गौरी शंकर यादव, जितेंद्र सिंह, कपिल सिंह, अमित राय, लालू राज यादव, करगिल यादव, भीम यादव, मंटू यादव, करगिल यादव, राहुल कुमार, लक्की यादव, रंजन तिवारी, शंकर राम, आनंद कुमार सिंह, दुर्गेश यादव, राजन सिंह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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