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भारत के विरुद्ध अमेरिका का खतरनाक बयान, मोदी सरकार ने कहा- सीमित समझ वाले से नहीं चाहिए ज्ञान

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America’s dangerous statement against India, Modi government said – Knowledge is not needed from people with limited understanding, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : भारत में आम चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। किसी भी वक्त चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसी बीच अमेरिका ने एक बार फिर अपना बदला दिखा दिया है। अमेरिका ने भारत विरोधी बयान दिया है। CAA को लेकर अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता ने भी भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम भी चिंतित हैं कि ये कानून वहां की संसद में पास कैसे हो गया। हम बारिकी से मामले पर नजर रखे हुए हैं। रख रहे हैं। बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार अपने दिल और दिमाग में भारत के खिलाफ खूब जहर भरकर लाया था। इस पत्रकार ने अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा कि भारत ने एक विवादित कानून पास किया है। इसके साथ ही उसने इसे मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि इस कानून में सभी धर्मों को जगह दी गई है, लेकिन इस्लाम को नहीं।

पहले भारत की बहुलवादी परंपराओं को समझें

अब भारत की ओर से अमेरिका के इस बयान पर पलटवार किया गया है। सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के कार्यान्वयन पर अमेरिका के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि जो लोग भारत की बहुलवादी परंपराओं को नहीं समझते हैं, उनके लिए बेहतर होगा कि वे व्याख्यान देने का प्रयास नहीं करें। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता अथवा व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए।

बीना जानें समझे बोलना धातक

जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उन्हें व्याख्यान देने का प्रयास नहीं करना चाहिए। किसी भी चीज के बारे में बिना जानें समझे बोलना बहुत घातक होता है।  भारत के साझेदारों व शुभचिंतकों को उस इरादे का स्वागत करना चाहिए, जिसके लिए यह कदम उठाया गया है। जयसवाल ने यह भी कहा कि अमेरिका की टिप्पणियाँ गलत सूचना पर आधारित थी और वह अनुचित भी थीं।

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