– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

Bankruptcy : …और इस तरह दिवालिया होने से बच गया अमेरिका, कर्ज की सीमा बढ़ाने का बिल…

8bc4d05a 84e9 4518 b88b 156addf5ccde

Share this:

World New, America, Washington, Economic Crisis, Bankruptcy Condition Controlled : अब अमेरिका दिवालिया होने की स्थिति से बच गया। अमेरिका प्रतिनिधि सभा ने ट्रेजरी द्वारा निर्धारित समय सीमा से 5 दिन पहले कर्ज की सीमा को बढ़ाने की बिल को पास कर दिया है। अमेरिका में कर्ज की सीमा को बढ़ाने की लास्ट डेट 5 जून थी। अगर कर्ज की सीमा को बढ़ाने का बिल पास नहीं होता तो फिर इतिहास में पहली बार अमेरिका दिवालिया हो जाता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन और हाउस स्पीकर केविन मैककार्थी के बीच कर्ज की सीमा डील पर बात हुई थी। 

डेमोक्रेट्स ने किया समर्थन

अमेरिका के दिवालिया होने के कुछ दिन पहले ही कांग्रेस (संसद) ने भी इस बिल को पास कर दिया है। डेमोक्रेट्स ने इस बिल को 165-46 से सपोर्ट किया। रिपब्लिकन्स ने इस बिल को 149-71 वोटों से सपोर्ट किया यानी दोनों पार्टी में से अधिकांश सदस्यों ने इस बिल का समर्थन किया है। 

कानून बनाकर तय होती है कर्ज लेने की सीमा

अगर हम कर्ज सीमा विवाद की बात करें, तो अमेरिका की सरकार कानूनी रूप से अपने खर्चों और अपने दायित्वों की पूर्ति करने के लिए कर्ज लेती है। अमेरिका की संसद में कर्ज लेने की यह सीमा कानून बनाकर तय की हुई है। अमेरिकी के संविधान के मुताबिक कांग्रेस को सरकारी खर्च को कंट्रोल करने का अधिकार दिया है। सरकार बिना कांग्रेस के परमिशन के तय सीमा से ज्यादा कर्ज नहीं ले सकती है। 

प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है और जो रिपब्लिकन पार्टी के सांसद है वे कर्ज की सीमा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। यही कारण था कि यह विवाद बना हुआ था।

अगर कर्ज की सीमा नहीं बढ़ती, तो फिर अमेरिका का खजाना खाली हो सकता था। जिससे अमेरिका में दिवालिया होने का खतरा था। इसका असर सिर्फ अमेरिका में नहीं पड़ता बल्कि इसका असर पूरी दुनिया में पड़ता।

Share this:




Related Updates


Latest Updates