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Incidents & Faith : आपके घर में हो रहीं ऐसी घटनाएं तो जानिए क्या है इसका मतलब और कैसे होगा निवारण…

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Incidents & Faith, Pitra Dosh : हर आदमी के निजी जीवन और अपने परिवार से संबंधित कुछ ऐसी घटनाएं होती रहती है जिसकी वजह से अशांति हो तनाव जैसी स्थिति बन जाती। इन के कारणों को अलग अलग तरीके से समझने की कोशिश की जाती है कभी कभार समाधान नहीं सोचता है तो हम धार्मिक मान्यताओं की ओर उन्मुख होते हैं। बहुत से लोगों को ऐसी चीजों में आस्था नहीं भी हो सकती है। हिंदू शास्त्रों में मृत पूर्वजों की नाराजगी को अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि पितर देव के नाराज होने से इंसान का पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।

इस तरह की समस्याएं सामान्य

 किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसके साथ ही दांपत्य जीवन में तनाव, आर्थिक जीवन में परेशानियां और संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए वास्तु  शास्त्र के नजरिए से जानते हैं कि आखिर वो संकेत कौन-कौन से हैं जो ये बताते हैं कि मृत पूर्वज नाराज चल रहे हैं।

घर में पीपल का उगना अशुभ 

वास्तु और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में पीपल का उगना अशुभ है। अगर किसी घर में बार-बार पीपल का उगना पितृ दोष की निशानी मानी जाती है। यह इस बात का संकेत देते हैं कि आपके मृत पूर्वज यानी पितर देव आपसे नाराज हैं। इस स्थिति में किसी सोमवार को पीपल को जड़ सहित उखाड़कर नदी में बहा दें। साथ ही अमावस्या के दिन गरीबों को दान दें। सामर्थ्य है तो गरीब बच्चों को सफेद कपड़े दान में दें। ऐसा करने से ही मृत पूर्वज खुश होते हैं। परणामस्वरूप पितर दोष से मुक्ति मिलती है।

किसी काम के बारे में अधिक सोचना

अगर कोई व्यक्ति किसी भी कार्य के बारे में अत्यधिक सोच रहा है या इस बात को महसूस कर रहा है कि वह कहीं फंस गया है तो यह शुभ संकेत नहीं है। इस बारे में विद्वान और पंडित बताते हैं कि इसके पीछे पितर दोष हो सकता है। अनावश्यक अधिक सोचना इंसान को चित कर सकता है। ऐसी स्थिति चंद्रमा के बिगड़ने से भी बनती है। नियमित दिनचर्या का ठीक ढंग से पालन ना होने पर कुंडली का चंद्रमा दूषित हो जाता है। ऐसे में नियमित शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कहा जाता है।

हमारी राय : यह जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। समाचार सम्राट डॉट कॉम इसकी कोई पुष्टि नहीं करता। उक्त स्थिति में विशेषज्ञ का परामर्श लेना चाहिए।

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