Dhanbad news : सदर थाना क्षेत्र के जालान अस्पताल में एक बच्चे की मौत के बाद परिजन ने जमकर बवाल किया. परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर गलत तरीके से बिल बनाने और मृत बच्चों को नहीं देने का आरोप लगाया है.महाराजगंज निवासी प्रदीप मंडल ने बताया कि 29 फरवरी को मैं अपनी बच्ची को जालान अस्पताल में भर्ती कराया था, क्योंकि बच्ची को सांस लेने में काफी समस्या आ रही थी. इस समस्या को ठीक करने को लेकर अस्पताल में एनआईसीयू में भर्ती किया गया. 29 तारीख से लेकर पिछले 2 तारीख तक लगभग 40 हज़ार रूपये से अधिक का मेडिसिन मंगाया गया और 2 तारीख तक लगभग 46 हज़ार रुपया का बिल बनाया गया है.
जबकि कल मेरी बच्ची की मौत हो गई. इसके बावजूद भी डॉक्टर जांच शुल्क बिल में जोड़ा गया है, जो कहीं से उचित नहीं है।
बना दिया 66000 का बिल
बच्ची की मौत के बाद मंगलवार को फाइनल बिल लगभग 66 हज़ार का बनाया गया है. उक्त बिल की जांच की गई तो काफी कुछ गड़बड़ मिला. मेडिसिन का शुल्क जोड़ा गया है. लेकिन जब इसका हम सबने विरोध किया तो उन्होंने कहा कि जब तक पूरा बिल जमा नहीं होगा, तब तक आपका बच्ची का शव नहीं दिया जाएगा. इसलिए मैं न्याय के रूप में मांग करता हूं कि इस तरह की जांच के नाम पर अनाप-शनाप बिल जोड़ने वाले अस्पताल पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. वही मृतक के चाचा दीपक मंडल ने बताया कि अस्पताल के साथ-साथ डॉक्टर पर से भी विश्वास उठता जा रहा है जबकि डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं. इसलिए उनको निष्पक्ष भाव से मरीजों की देखभाल करनी चाहिए.