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Modi cabinet decision : पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी, कैबिनेट के अन्य फैसलों के बारे में भी जानें 

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Union Cabinet approves PM-Surya Ghar free electricity scheme, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को गुरुवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मोदी ने 13 फरवरी को योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत 75,021 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल की बचत होगी बल्कि उनकी आमदनी भी होगी।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना के तहत 01 किलो वाट, 02 किलो वाट और तीन किलो वाट सिस्टम लगाने पर क्रमश: 30 हजार, 60 हजार और 78 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी। एक राष्ट्रीय पोर्टल के तहत लोग योजना के लिए आवेदन दे सकेंगे। पोर्टल के माध्यम से ही वेंडर भी चुन सकते हैं। इसके अलावा सब्सिडी की अतिरिक्त राशि पर 07 प्रतिशत की दर से ऋण भी लिया जा सकता है। योजना के तहत हर जिले में एक मॉडल सोलर विलेज बनाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से 17 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। लोग अपने घरों पर सोलर लगा कर अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम कंपनियों को बेच सकते हैं। इससे 30 गीगावाट की अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी और कार्बन उत्सर्जन में 72 करोड़ टन की कमी आयेगी।

खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी

केन्द्र सरकार ने खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। यह सब्सिडी एक अप्रैल से लेकर 30 सितम्बर, 2024 तक के खरीफ सत्र के लिए दी जायेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सत्र 2024-25 के लिए फॉस्फेटिक एवं पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी गयी। इसके तहत किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में लिये गये फैसले की जानकारी देते बताया कि एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक के खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी को मंजूरी दी गयी है। ठाकुर ने कहा कि किसानों को प्रमुख पोषक तत्व डीएपी 1,350 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर मिलती रहेगी।

ठाकुर ने बताया कि आगामी खरीफ सत्र 2024-25 के लिए नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (पी) पर 28.72 रुपये प्रति ग्राम, पोटाश (के) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गयी है। इसके साथ ही फॉस्फेटिक उर्वरकों पर सब्सिडी रबी सत्र 2023 के 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ा कर खरीफ सत्र 2024 के लिए 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गयी है। हालांकि, खरीफ सत्र 2024 के लिए नाइट्रोजन (एन), पोटाश (के) और सल्फर (एस) पर सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) भी 1,670 रुपये प्रति बोरी और एनपीके 1,470 रुपये प्रति बोरी मिलेगी। डीएपी पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए मंत्रिमंडल ने एनबीएस योजना के तहत तीन नये उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को भी केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि उर्वरक कम्पनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुरूप सब्सिडी दी जायेगी, ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।

तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना को मंजूरी

केन्द्र सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के तहत तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। अगले 100 दिनों के भीतर तीनों इकाइयों का निर्माण शुरू हो जायेगा।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन इकाइयों की स्थापना को मंजूरी दी गयी। देश में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम कुल 76 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 21 दिसंबर 2021 को अधिसूचित किया गया था।

मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि ये इकाइयां 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी नौकरियों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेंगी। ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लायेंगी।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। इस फैब का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जायेगा। इस फैब में 91 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा।

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएटी) असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। यह इकाई 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जायेगी। टीएसएटी सेमीकंडक्टर फ्लिप चिप और आईएसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है। इकाई 4.8 करोड़ प्रति दिन बनायेगी। ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि क्षेत्र कवर होंगे।

सीजी पावर, रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉपोर्रेशन (जापान) और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (थाईलैंड) के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगा। यह इकाई 76 सौ करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जायेगी। सीजी पावर सेमीकंडक्टर यूनिट उपभोक्ता, औद्योगिक, ऑटोमोटिव और बिजली अनुप्रयोगों के लिए प्रतिदिन 1.5 करोड़ चिप्स का निर्माण करेगी।

मुख्यालय के साथ इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस की स्थापना को मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में मुख्यालय के साथ इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की स्थापना को आज मंजूरी प्रदान कर दी। 2027-28 तक पांच साल की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपये की एकमुश्त बजटीय सहायता को भी मंजूरी दी।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। बिग कैट एलायंस एक बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन होगा, जिसमें 96 बिग कैट वाले देशों, बिग कैट के संरक्षण में रुचि रखनेवाले देशों, संरक्षण भागीदारों और वैज्ञानिक संगठनों का समूह होगा।

इसका उद्देश्य देशों के बीच आपसी सहयोग से संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाना है। इससे व्यापक आधार पर बहुआयामी दृष्टिकोण बनाने में मदद मिलेगी।

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