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National: स्वदेशी हथियार खरीदने के लिए केन्द्र ने 84,560 करोड़ रुपये किये मंजूर

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नौसेना के लिए 09 और आईसीजी के लिए खरीदे जायेंगे 06 समुद्री गश्ती विमान, डीएसी की मंजूरी मिलने से भारत में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को मिलेगा बढ़ावा

National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news  : रक्षा क्षेत्र को “आत्मनिर्भर” बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को 84,560 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए 09 समुद्री निगरानी विमान और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 06 समुद्री गश्ती विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह 15 समुद्री गश्ती विमान ह्यमेड इन इंडियाह्ण पहल पर सी-295 परिवहन विमान के सुविधा केंद्र में बनाए जायेंगे। इन परियोजनाओं की कीमत लगभग 29 हजार करोड़ रुपये है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक हुई, जिसमें 84,560 करोड़ रुपये से विभिन्न हथियार और प्लेटफॉर्म खरीदे जायेंगे। पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी देने के पीछे भारतीय विक्रेताओं से विभिन्न उपकरणों की खरीद पर विशेष जोर दिया गया है। इन प्रस्तावों में नयी पीढ़ी की टैंक रोधी माइंस, वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण राडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी के समुद्री टोही और मल्टी-मिशन समुद्री विमान, उड़ान रिफ्यूलर विमान और सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो शामिल हैं।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की इस मंजूरी के बाद सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी हथियार खरीदे जायेंगे। स्टार्ट-अप और एमएसएमई से उन्नत प्रौद्योगिकियों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 में संशोधन को भी मंजूरी दी गयी है, जिससे भारत में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बढ़ावा मिलेगा। देश के विशाल समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) की निगरानी और निषेध क्षमताओं को मजबूत करने के लिए डीएसी ने मध्यम दूरी के समुद्री टोही और मल्टी-मिशन समुद्री विमानों की खरीद मंजूर कर ली है।

अमेरिकी सरकार के साथ विदेशी सैन्य बिक्री मार्ग के तहत 24 एमएच-60आर विमानों के लिए भी मंजूरी मिल गयी है। डीएसी ने भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए फ्लाइट रिफ्यूलर विमान की खरीद को एओएन प्रदान किया है। आईसीजी के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो की खरीद के लिए भी एओएन दिया गया है। यह आईसीजी और भारतीय नौसेना इकाइयों के बीच निर्बाध सूचना आदान-प्रदान के लिए सुरक्षित नेटवर्किंग क्षमता के साथ उच्च गति संचार की आईसीजी की आवश्यकता को पूरा करेगा।

डीएसी ने अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं के साथ भूकंपीय सेंसर और रिमोट निष्क्रियकरण के प्रावधान वाले नई पीढ़ी के एंटी-टैंक माइंस खरीदने के लिए एओएन को मंजूरी दी है। इसी तरह दृश्य रेखा से परे लक्ष्यों को भेदने, सामरिक युद्ध क्षेत्र में परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए कनस्तर से लॉन्च की जानेवाली युद्ध सामग्री प्रणाली एंटी-आर्मर लोइटर की खरीद को भी एओएन प्रदान किया गया है। इसके अलावा वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए विशेष रूप से धीमी, छोटे और कम उड़ान वाले लक्ष्यों का पता लगाने की क्षमताओं के साथ-साथ विभिन्न लक्ष्यों की निगरानी, पहचान और ट्रैकिंग के लिए वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण राडार की खरीद के लिए मंजूरी दे दी गयी है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत में अनुकूल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने, रक्षा उत्कृष्टता नवाचार (आईडीईएक्स) और प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजनाओं के तहत विकसित स्टार्ट-अप और एमएसएमई से उन्नत प्रौद्योगिकियों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए डीएसी ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह आईडीईएक्स और टीडीएफ योजनाओं के तहत स्टार्ट-अप और एमएसएमई के लिए व्यावसायिक माहौल के साथ-साथ जरूरी प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

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