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पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के लिए वैश्विक फ्रेमवर्क तैयार करने पर दिया जोर

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Pm Modi, artificial intelligence,Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए विश्व से आग्रह किया कि जल्द ही इसके उचित उपयोग के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री आज नई दिल्ली में भारत मंडपम में ग्लोबल पार्टनरशिप आन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। जीपीएआई 29 सदस्य देशों की पहल है। भारत 2024 के लिए जीपीएआई का अध्यक्ष है। इसका उद्देश्य एआई से जुड़ी प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और व्यावहारिक गतिविधियों में मदद करके एआई पर सिद्धांत और व्यवहार के अंतर को कम करना है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बदलाव लाने की क्षमता

प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई में बदलाव लाने की क्षमता है, लेकिन हमें इसे ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाना होगा। इसकी शुरुआत डेटा और एल्गोरिदम को पारदर्शी और पक्षपात मुक्त बना कर कर सकते हैं। डीप फेक की चुनौती आज पूरी दुनिया के सामने है। इसके अलावा सायबर सुरक्षा, डेटा चोरी और आतंकियों के हाथ में एआई टूल के आने का भी बहुत बड़ा खतरा है। एक वैश्विक अभियान बनने के कारण हम सभी को मिल कर काम करना होगा।

इसका प्रयोग युवाओं के कौशल विकास में होगा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नैतिक, आर्थिक और सामाजिक चिंताओं पर ध्यान दिए बिना एआई पर विश्वास नहीं बढ़ाया जा सकता है। हमें युवाओं का विश्वास दिलाना होगा कि इसका प्रयोग उनके कौशल के विकास में होगा। हमें विश्वास दिलाना होगा कि एआई लोगों की निजता को बनाए रखेगी। हमें ग्लोबल साउथ के देशों का विश्वास दिलाना होगा कि एआई उनके भविष्य के रास्ते में नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि एआई की विकास यात्रा जितनी अधिक समावेशी होगी, समाज उतने ही बेहतर परिणाम प्राप्त करेगा। पिछले दशकों से सीखते हुए जहां प्रौद्योगिकी तक पहुंच में असमानता थी। अब हमें समाज को इस तरह के नुकसान से बचाना चाहिए। लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रौद्योगिकी से जुड़ने से समावेशिता बढ़ती है।

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