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श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का होगा सर्वे, ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को कोर्ट ने किया खारिज

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Mathura news, Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news :  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दे दी है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दूसरी तरफ, ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने एक तरफ हिन्दू पक्ष की याचिका को स्वीकार किया है, तो वहीं दूसरी तरफ शाही ईदगाह परिसर के सर्वे करने के विचार को मंजूरी दी है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने इससे पहले 16 नवम्बर को सम्बन्धित पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।

हिन्दू पक्ष की याचिका पर सर्वे को मंजूरी दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार दोपहर दो बजे मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की पोषणीयता और कोर्ट कमिश्नर भेजे जाने सम्बन्धी अर्जी पर अपना फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर सर्वे को मंजूरी दे दी है। न्याययिक पीठ कुल 18 सिविल वादों की सुनवाई कर रही है। प्लेसेस आॅफ वर्शिप एक्ट के तहत वाद की पोषणीयता पर आपत्ति की गयी थी। कोर्ट कमिश्नर भेजे जाने सम्बन्धी मंदिर पक्ष की अर्जी पर कोर्ट ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया था, जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सर्वे को मंजूरी दी है। हाईकोर्ट ने आदेश के अनुसार सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति की जायेगी, जो कि पूरे सर्वे की निगरानी करेगा।

याचिका में दावा, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है

सर्वे की मांग वाली यह याचिका भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिये दायर की गयी थी। याचिका में दावा किया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं, जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिन्दू मंदिर है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिन्दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि मैं अदालत के आदेश का स्वागत करता हूं।’

हिन्ंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जहां हमने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग की थी। 18 दिसम्बर को रूपरेखा तय होगी। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की दलीलें खारिज कर दी हैं। यह कोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला है। जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण में हाईकोर्ट ने 16 नवम्बर को हुई सुनवाई के बाद सभी 18 केसों से सम्बन्धित वादकारी और प्रतिवादियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया था। इस याचिका में कहा गया कि वहां कमल के आकार का एक स्तम्भ है, जो कि हिन्दू मंदिरों की एक विशेषता है और शेषनाग की एक प्रतिकृति है, जो हिन्दू देवताओं में से एक हैं और जिन्होंने जन्म की रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। याचिका में यह भी बताया गया है कि मस्जिद के स्तम्भ के आधार पर हिन्दू धार्मिक प्रतीक हैं और नक्काशी में ये साफ दिखते हैं।

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