Merath News : ऊंची कांवड़ पर रोक के बाद भी मंगलवार को हरिद्वार से दिल्ली ले जाई जा रही 35 फुट ऊंची कांवड़ बागपत रोड बाईपास फ्लाईओवर पर हाईटेंशन लाइन से टकरा गयी। करंट की चपेट में आकर सात कांवड़िये झुलस गये घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गये और कांवड़ियों का हालचाल पूछा। स्थानीय पुलिस के मुताबिक दिल्ली के हैदरपुर से 20 कांवड़ियों का जत्था 35 फुट ऊंची कांवड़ लेकर आ रहे थे। सोमवार को यह कांवड़ सिवाया पार करके मोदीपुरम पहुंची थी। उस समय पुलिसकर्मियों की सूचना पर 220 केवीए बिजलीघर के कर्मचारियों ने हाईटेंशन लाइन की सप्लाई बंद कर दी। एटूजेड कॉलोनी के पास यह कांवड़ हाईटेंशन लाइन तक पहुंच रही थी। बिजली सप्लाई बंद करके कांवड़ को यहां से गुजारा गया। मंगलवार को इन कांवड़ियों का जत्था एनएच-58 बागपत रोड बाईपास फ्लाईओवर पर पहुंचा तो आठ कांवड़िये शिविर में खाना खाने लगे। जबकि, 12 कांवड़ियों ने 35 फुट ऊंची कांवड़ को फ्लाईओवर के ऊपर से ले जाने लगे तो इसी बीच कांवड़ 33 हजार केवीए की विद्युत लाइन से टकरा गयी, जिससे सात कांवड़िये झुलस गये। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने घायल कांवड़ियों को सुभारती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। सात कांवड़ियों में से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। गंभीर घायलों में अमन, करण, सनी शामिल हैं।
पदाधिकारियों ने जाना घायलों का हाल
सूचना पर जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्र मौके पर पहुंचे और कांवड़ियों का हालचाल जाना। एसएसपी डॉ. ताड़ा के अनुसार घायल कांवड़ियों की हालत खतरे से बाहर है। गनीमत रही की कांवड़ लकड़ी की थी, अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मेरठ में हाईटेंशन लाइन से कांवड़ियों का डीजे टकराने से छह कांवड़ियों की मौत हो गयी थी। अन्य जिलों में भी हुई ऐसी घटनाओं के बाद इस वर्ष कांवड़ और डीजे की ऊंचाई 12 फीट तय की गई थी। इसके बाद भी बड़ी-बड़ी कांवड़ लाने पर कोई प्रभावी रोक नहीं लग पायी।