Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:


Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
–°C
Fetching location…

संसद के मानसून सत्र में पारित पांच समुद्री बिल अधिसूचित, मंत्रालय ने जताई खुशी

संसद के मानसून सत्र में पारित पांच समुद्री बिल अधिसूचित, मंत्रालय ने जताई खुशी

Share this:

New Delhi News: केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के पांच प्रमुख बिल संसद के मानसून सत्र में पारित होने के बाद कानून के रूप में अधिसूचित हो गए हैं। ये अधिनियम भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार और तटीय नौवहन में मजबूत बनाने के लिए तैयार किए गए हैं। मंत्रालय ने बुधवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी दी।
मंत्रालय के आधिकारिक एक्स हैंडल पर श्रंखलाबद्ध पोस्ट में कहा गया कि समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 2025 (कैरिज आॅफ गुड्स बाय सी एक्ट 2025) भारत के समुद्री क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार है, जो नौवहन प्रक्रियाओं में स्पष्टता और सुरक्षा में आधुनिकता लाएगा। यह समुद्री नौवहन से जुड़े मालवाहकों की जिम्मेदारियों, देनदारियों और अधिकारों को परिभाषित करेगा, जिससे समुद्री व्यापार में लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
एक अन्य पोस्ट के माध्यम से बताया गया कि लदान बिल अधिनियम, 2025 ( (बिल्स आॅफ लैडिंग एक्ट, 2025) पुराने 1856 के कानून को बदलकर लदान-पत्र को विश्वसनीय व्यापार दस्तावेज बनाएगा। यह माल ढुलाई के दावों और वाहकों (शिपमेंटर्स) के अधिकारों की रक्षा करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निश्चितता बढ़ेगी।
अन्य पोस्ट में तटीय नौवहन अधिनियम, 2025 (कोस्टल शिपिंग एक्ट, 2025) तटीय व्यापार को आधुनिक बनाने का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह अधिनियम भारतीय जहाजों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगा। यह राष्ट्रीय डेटाबेस और रणनीतिक योजना के जरिए पारदर्शिता भी लाएगा।
मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 2025 के बारें में कहा गया कि यह शिपिंग ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाएगा। यह समुद्र में सुरक्षा, नाविकों के कल्याण और पर्यावरण को संरक्षण देगा। यह भारतीय ध्वज के तहत निवेश, जहाज पुनर्चक्रण और व्यापार को आसान बनाएगा।
भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 2025 (इंडियन पोर्ट्स बिल, 2025) साल 1908 के पुराने कानून को बदलकर बंदरगाहों में एकीकृत नियोजन, पारदर्शी शासन और तेज विवाद समाधान को बढ़ावा देगा। यह बंदरगाहों के सतत विकास और रोजगार सृजन का केंद्र बनाएगा।
मंत्रालय की ओर से बताया गया कि उपरोक्त अधिनियमों से भारत का समुद्री क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा। ये सुधार समुद्री अमृत काल विजन 2047 की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये कानून न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे, बल्कि भारत की समुद्री विरासत को भी पुनर्जन्म देंगे।

Share this:

Latest Updates