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आयुष्मान भारत में सभी आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी और हेल्पर्स भी होंगे कवर, स्वास्थ्य मंत्री ने किया स्वागत

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National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news: केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर करने की घोषणा की। वित्त मंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हेल्थ सेक्टर में महिलाओं के स्वास्थ्य, सर्वव्यापी इम्यूनाइजेशन प्लेटफॉर्म से लेकर मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु कमेटी बनाने, आयुष्मान भारत योजना में आशा बहनों, आंगनवाड़ी कर्मचारी और सहायकों को लाने के निर्णय स्वागत योग्य हैं।

डॉ. मनसुख मांडविया ने अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए सरकार 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के लिए टीकाकरण की घोषणा का भी स्वागत किया। उन्होंने एक्स पर कहा कि मातृ एवं शिशु देखभाल के लिए विभिन्न योजनाओं को एक व्यापक कार्यक्रम के तहत लाया जायेगा। नये डिजाइन किये गये यू-विन प्लेटफॉर्म को शीघ्रता से तैयार किया जायेगा।

भूटान को सबसे ज्यादा सहायता, इसके बाद मालदीव

केन्द्रीय बजट में दी गयी जानकारी के अनुसार भूटान को ग्रांट और ऋण के तौर पर भारत की ओर से किसी देश को दी जानेवाली सबसे ज्यादा सहायता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान के अनुसार भारत सरकार ने विदेशी सरकारों को 6,541.79 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं। इसमें अनुदान के रूप में 4,927.43 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 1,614.36 करोड़ रुपये हैं। 2023-24 के लिए 5,848.58 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से यह आंकड़ा ज्यादा है।

म्यांमार को 370 करोड़ रुपये की मदद

वित्त मंत्रालय के बजट में दी गयी जानकारी के अनुसार भूटान को सबसे अधिक 2398.97 करोड़ रुपये (1614.36 करोड़ रुपये ऋण) की सहायता दी गयी है। इसके बाद मालदीव का नाम आता है। इस समुद्री पड़ोसी मालदीव को 770.90 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसके बाद नेपाल को 650 करोड़ रुपये, म्यांमार को 370 करोड़ रुपये, मॉरीशस को 330 करोड़ रुपये, अफगानिस्तान को 220 करोड़ रुपये, बांग्लादेश को 130 करोड़ रुपये, श्रीलंका को 60 करोड़ रुपये, सेशेल्स को 9.91 करोड़ रुपये और मंगोलिया को 05 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी है।

रक्षा क्षेत्र को मिले 6.2 लाख करोड़

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र को 6.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। पिछले साल के मुकाबले 0.27 लाख करोड़ रुपये बजट में इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री ने बजट में रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए नयी डीप-टेक्नोलॉजी लाने का वादा किया है।

रक्षा क्षेत्र के लिए 2003-24 के बजट में 5.94 लाख करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा था। पिछले साल की तुलना में इस अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र का बजट 0.27 लाख करोड़ रुपये बढ़ कर 6.20 लाख करोड़ हो गया है, यानी 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि डीप टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं लेकर आयेगी, जिससे ‘आत्मनिर्भरता’ में तेजी आयेगी।

सेना को कुल 1.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने छठे बजट में डिफेंस सेक्टर के लिए देश के कुल बजट का आठ फीसदी हिस्सा रखा है। वित्त मंत्री ने संसद में पेश अंतरिम केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए सेना को कुल 1.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर नये हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजो सामान खरीदना शामिल है। पिछले साल यानी 2023-24 में पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.62 लाख करोड़ रुपये था।

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