– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

30 को अलौकिक छटा दिखेगी भैरवी-दामोदर तट पर,युगांतर भारती कर रहा है दामोदर महोत्सव का आयोजन

3fb184a3 1f32 469e 954c e2d42423cb55

Share this:

आनंद सिंह

Ranchi news, Jharkhand news, Damodar and Bhairavi river, Damodar mahotsav : रजरप्पा कई बार जाना हुआ है। बाल्य काल से अब तक दर्जनों बार। बीते कल, अर्थात शुक्रवार (26 मई) को भी रजरप्पा गया था। पहली बार ऐसा हुआ जब गर्भगृह में माताजी के दर्शन करने का मौका मिला। निश्चित तौर पर यह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरय़ू राय के कारण ही संभव हो सका। अन्यथा अब तक तो बाहर से ही पूजा-पाठ करके आदमी निकल जाता था या फिर गर्भगृह में भी चंद सेकेंडों का ही मौका मिलता था। इस बार कोई 20 मिनट तक पूजा-अर्चना चली और मन खुश हो गया। जिस स्थान पर दामोदर और भैरवी का मिलन होता है, उस स्थान को भी गौर से देखा। एक नद, दूसरी नदी। एक नद का नदी से मिलन का दृश्य बेहद शानदार होता है। कल इसकी अनुभूति हुई। कल यह नोट किया कि पहले की तुलना में नदी के किनारों पर गंदगी का अंबार नहीं लगा हुआ था। गंदगी तो थी कल भी, पर पूर्व की तुलना में प्रायः नगण्य।

गंगा दशहरा के दिन दामोदर महोत्सव का आयोजन

युगांतर भारती नामक संस्था हर साल गंगा दशहरा के दिन दामोदर महोत्सव का आयोजन करती है। इसके पीछे का उद्देश्य होता है लोगों को दामोदर के बारे में जानकारी देना, उस नद को गंदा न करने की अपील करना। यह सोच श्री सरयू राय की ही थी। कल उसी सोच को अमली जामा पहनाने की नीय़त से हम लोग रजरप्पा गए थे।
नदी के किनारे साफ-सुथरे होते हैं तो वहां बैठने की, चिंतन-मनन करने की भी इच्छा होती है। कल-कल बहती नदी को देखने का आनंद ही अलग होता है। वह भी बेहद करीब से। हमारे कई प्रियजन यहां पहले घंटों अपना वक्त व्यतीत करते रहे हैं। खास कर दामोदर और भैरवी के मिलन को देखने के बाद ये लोग रोमांचित हो उठते थे। बीच के दिनों में दामोदर और भैरवी, दोनों के हालत खराब हो गए थे। एक बार तो ऐसा भी लगा कि दोनों नदियों में से किसी एक का पानी बेहद कम हो गया है। कल जब देखा तो दोनों में प्रचुर पानी था। जहां तक नजरें गईं, पानी ही पानी दिखा। आप दोनों नदियों के जल को आराम से पहचान भी जाते हैं। एक का रंग गंदला-पीला दिखेगा तो दूजे का थोड़ा साफ। इन्हीं में से एक भैरवी हैं, दूसरे हैं दामोदर। एक नद, दूसरी नदी।दामोदर तो गंगा से भी पुराना है।

झारखंड के राज्यपाल होंगे कार्य़क्रम के मुख्य अतिथि

इस बार गंगा दशहरा 30 मई को है। युगांतर भारती के बैनर तले यहां दामोदर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सैकड़ों लोग आएंगे। यहां गंगा आरती की तर्ज पर दामोदर-भैरवी की आरती होगी। पूजा-पाठ भी होगा। कुछ कल्चरल प्रोग्राम भी होंगे। नदियों के गीत गाए जाएंगे। चीफ गेस्ट हैं झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन। 5 बजे कार्यक्रम शुरू होगा और शाम के सवा सात बजे तक चलेगा। मंगलवार का दिन है। आपके पास वक्त हो तो 30 मई को आईए जरूर। निश्चित तौर पर आप एक अद्भुत छटा देखने जा रहे हैं।

Share this:




Related Updates


Latest Updates