सात लोगों पर गंभीर धाराओं में मकादमा दर्ज
Bahraich news, UP news : बहराइच हिंसा में सोमवार को नया मोड़ आ गया। महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने भाजपा से जुड़े नेताओं पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर करा दी है। सुरेश्वर सिंह ने भाजयुमो नगर अध्यक्ष, श्रावस्ती में तैनात एक प्राथमिक विद्यालय शिक्षक सहित सात लोगों पर नामजद केस दर्ज कराया है। विधायक ने इन लोगों पर पथराव और फायरिंग करने का आरोप लगाया है। विधायक की शिकायत पर पुलिस ने बवाल काटने, पथराव, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने आदि की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
विधायक सुरेश्वर सिंह व उनके बेटे अखंड प्रताप सिंह गोलू बवाल वाले दिन 13 अक्तूबर को गोलीकांड में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के शव को अस्पताल चौराहे पर रखकर प्रदर्शन कर रही भीड़ को समझाने गए थे। इसी दौरान उनके काफिले पर पत्थरबाजी और फायरिंग की गई।
शव रखकर भीड़ कर रही थी प्रदर्शन
विधायक महसी की तहरीर के मुताबिक 13 अक्तूबर को महराजगंज में हुई हिंसा में मृतक रामगोपाल के शव को जिला अस्पताल के बाहर गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी। वह अपने अन्य सहयोगियों के साथ शव रखे लोगों और इसके बाद डीएम से मिलने सीएमओ कार्यालय पहुंचे। जहां सीएमओ व सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे। सभी को साथ लेकर दोबारा मृतक के परिजनों व ग्रामीणों के पास पहुंचे और बातचीत कर शव को मर्च्युरी ले जाने लगे। इसी दौरान कुछ उपद्रवियों जिसमें भाजयुमो नगर अध्यक्ष अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, श्रावस्ती प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक पुंडरीक पांडेय, सुंधाशु सिंह राणा सहित भीड़ के अन्य लोग नारेबाजी कर गाली-गलौज करने लगे। शव मर्च्युरी में रखवाकर वह और डीएम जैसे ही आगे बढ़े और उनका वाहन मुड़ा, तो कार को रोकने की कोशिश की गई और पत्थरबाजी की गई।
इसी दौरान भीड़ से फायरिंग भी हुई। कार का शीशा टूट गया, घटना में उनका बेटा अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बचा। सीसीटीवी फुटेज से घटना स्पष्ट होने की बात कही गई है। आरोपियों पर दंगा करने, घातक हथियार से हमला करने, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालने, मारपीट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
अब एएसपी ग्रामीण हटाए गए
बहराइच। बहराइच उपद्रव मामले में सोमवार को शासन ने एक और कार्रवाई करते हुए एएसपी ग्रामीण डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाकर डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया है। उनकी जगह प्रयागराज महाकुंभ में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को एएसपी ग्रामीण के पद पर तैनाती मिली है। महाराजगंज बवाल मामले में इससे पहले छह अफसरों पर कार्रवाई हुई थी। एक दिन पहले ही सीएम योगी बवाल की रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस एक्शन को उसी रिपोर्ट के आधार पर माना जा रहा है।
शासन ने सख्त एक्शन का इशारा कर दिया है
शासन ने एएसपी ग्रामीण को हटाकर जिले को शर्मसार करने वाले मामले में सख्त एक्शन का इशारा कर दिया है। माना जा रहा है कि धीरे-धीरे कई दोषी अफसरों को हटाया जाएगा। सोमवार को ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला था। कहा था कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार ने इतनी बड़ी हिंसा के बाद एसएचओ, सीओ और कुछ सिपाहियों को ही हटाया है। क्या यह पर्याप्त कार्रवाई है?
राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
13 अक्तूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हरदी थाने के महराजगंज में हुए बवाल में अराजकतत्वों ने रामगांव थाने के रेहुवा मंसूर निवासी 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई थी। एसपी वृंदा शुक्ला ने तब हरदी एसएचओ सुरेश वर्मा, महसी चौकी प्रभारी अशोक कुमार को निलंबित किया था। इसके बाद सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को निलंबित किया गया। महाराजगंज बवाल को लेकर जिला सूचना अधिकारी को भी जाना पड़ा। शासन स्तर पर और बड़ी कार्रवाई के आसार हैं।
नेपाल में छिपे उपद्रवियों की तलाश
बवाल मामले में वीडयो फुटेज से चिह्नित किए गए कई उपद्रवियों ने नेपाल की राह पकड़ ली है। गिरफ्तारी के डर से वहीं छिपे हुए हैं। इनकी तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं, जो नेपाल पुलिस की मदद से इनको दबोचने की कोशिशें कर रही हैं। अब तक दर्ज मुकदमों में मुख्य आरोपियों समेत 112 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उपद्रवियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। अब तक हरदी थाने व कोतवाली नगर में 14 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1304 लोग शामिल हैं। इनमें चार से अधिक मुकदमें पुलिस ने खुद ही दर्ज कराए हैं, जबकि अन्य मृतक के भाई व आगजनी का शिकार हुए पीड़ितों की तहरीर पर दर्ज हुए हैं।