New Delhi news : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा एक कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखने के फैसले ने कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी खींचतान को जन्म दे दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन जनवरी को वीर सावरकर के नाम पर दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज की आधारशिला रख सकते हैं। डीयू की कार्यकारी परिषद द्वारा 2021 में अनुमोदित सावरकर कॉलेज नजफगढ़ में 140 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा।
कांग्रेस ने निशाना साधा
अब इसको लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, “देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई स्वतंत्रता सेनानी थे। अगर कॉलेज का नाम उनमें से किसी के नाम पर रखा जाता, तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती, लेकिन भाजपा के पास अपने कोई नेता या आदर्श नहीं हैं, इसलिए वे उन लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जिन्होंने ब्रिटिश राज का समर्थन किया।”
भाजपा ने भी कांग्रेस पर किया तीखा हमला
इस बयान के बाद भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “महान व्यक्तियों का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बन गया है। राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने सांसद नसीर हुसैन के माध्यम से वीर सावरकर का अपमान किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखा है और कांग्रेस ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।” वीर सावरकर का नाम अक्सर सियासी विवादों में घिरा रहा है। कांग्रेस ने जहां सावरकर के ब्रिटिश शासन के प्रति कथित नरम रवैये की आलोचना की है, वहीं भाजपा उन्हें एक महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी नेता के रूप में मानती है।