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Global News : … तो क्या ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर बर्मिंघम हो गया है दिवालिया

barbingham City

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International news, global News, Britain news, Britain update, Britain town Birmingham, Birmingham news : हाल ही में ब्रिटेन से एक बड़ी खबर सामने आई है कि यहां का दूसरा सबसे बड़ा शहर बर्मिंघम दिवालिया हो चुका है। बर्मिंघम सिटी काउंसिल ने खुद इसे कबूल किया है। कहा है कि धारा 114 का नोटिस दायर किया। गया है। नोटिस के मुताबिक, शहर में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी खर्चों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। दरअसल, बर्मिंघम ने कुल 954 मिलियन डॉलर के समान वेतन के दावे जारी होने के बाद सभी गैर-जरूरी खर्च बंद कर दिए और खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है।

समान वेतन के दावों की लागत से उत्पन्न हुए ये हालात 

सिटी काउंसिल की ओर से दायर नोटिस में इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि समान वेतन के दावों की लागत के कारण वर्तमान में यह नकारात्मक आर्थिक स्थिति बनी है। इसे साफ शब्दों में समझें तो बर्मिंघम सिटी काउंसिल के पास जितने भी वित्तीय संसाधन हैं, उनसे ज्यादा उस अवधि के भीतर खर्च हो गया है। नए समान वेतन दावों की संभावित लागत 650 मिलियन पाउंड (लगभग 816 मिलियन डॉलर) और 760 मिलियन पाउंड (लगभग 954 मिलियन डॉलर) के बीच होगी, जबकि, काउंसिल के पास इसे कवर करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं। वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए, शहर को अब 87 मिलियन पाउंड (109 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के घाटे का अनुमान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बर्मिंघम सिटी काउंसिल 10 लाख से अधिक लोगों को सेवाएं देती है।

पीएम ऋषि सुनक ने दिया मामले पर पहला बयान

बिट्रेन के इस सबसे बड़े मल्टीकल्चरल शहर ने ही पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी। अब इसकी बदहाल आर्थिक स्थिति ने सभी को चौंका दिया है। इस साल जून 2023 में, समान वेतन के दावों को निपटाने के लिए 760 मिलियन पाउंड तक का भुगतान किए जाने की बात सामने आई थी, जिसके बाद सिटी काउंसिल ने कहा था कि वह सरकार के साथ इस मामले को लेकर बातचीत कर रही है। भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बर्मिंघम सिटी के दिवालिया होने की खबरों पर अपनी पहली टिप्पणी की है। बर्मिंघम मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस हालत के लिए लेबर एडमिनिस्ट्रेशन को जिम्मेदार ठहराया है। पीएम के प्रवक्ता मैक्स ब्लेन ने इस संबंध में कहा कि यह बर्मिंघम के लोगों के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति है। सरकार ने पहले ही काउंसिल के लिए उसके बजट का लगभग 10% अतिरिक्त धन उपलब्ध करा दिया है, लेकिन यह स्थानीय रूप से निर्वाचित परिषदों के लिए है कि वे अपने बजट का प्रबंधन स्वयं करें।

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