Health tips, health news : थायराइड आज सामान्य सी बीमारी हो गई है। प्रायः हर महिलाएं किसी न किसी रूप में इस बीमारी की शिकार हैं। ऐसे भी पुरुषों की तुलना में थायराइड की समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। इसके कई कारण हैं। आपको बता दें थायराइड गर्दन के निचले हिस्से में एक ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन उत्पन्न करता है। यह हमारे शरीर के विभिन्न फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस वेदर इसके बढ़ने से कई तरह की दिक्कतें भी होने लगती हैं। आखिर थायराइड बढ़ने के कारण क्या है और इसके क्या उपचार हैं आइए इस पर चर्चा करें…
थायराइड के कारण
- महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक होता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण हार्मोनल प्रभाव में भी बदलाव आता है, जो थायराइड के फंक्शन पर बुरा असर डालता है।
- अधिसंख्य महिलाएं अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने की जगह उन्हें दबा कर रखती हैं। इससे उनका आंतरिक तनाव बढ़ जाता है, जिससे कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ता है और थायराइड की समस्या उत्पन्न होती है।
- थायराइड के विभिन्न कारणों में प्रेग्नेंसी को भी एक कारण माना गया है। इस दौरान शरीर पर काफी तनाव पड़ता है, जिससे थायराइड हार्मोन पर भी इसका असर पड़ता है। यही वजह है कि कई महिलाओं में गर्भावस्था के बाद थायराइड की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इन उपायों से करें नियंत्रित
यूं तो डॉक्टरों का भी मानना है कि थायराइड की समस्या एक बार उत्पन्न हो जाने के बाद इसे पूरी तरह से खत्म करना बहुत मुश्किल होता है। अलबत्ता, कुछ एहतियाती उपाय कर इस पर नियंत्रण जरूर पाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार हाइपर थायराइड से पीड़ित व्यक्तियों को दूध, पनीर व अन्य डेयरी प्रोडक्ट, आयोडिन युक्त नमक आदि के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ये उत्पाद थायराइड हार्मोन बढ़ाते हैं। इसी तरह इससे पीड़ित मरीजों को कैफीन वाली चीजों से परहेज करना चाहिए। चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट आदि थायराइड की समस्या और बढ़ाती हैं।