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Jharkhand: पीवीटीजी के युवाओं के लिए नि:शुल्क आवासीय कोचिंग शुरू करनेवाला झारखंड बना देश का पहला राज्य 

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आदिवासियों को सशक्त व समाज के अन्य वर्गों के समकक्ष खड़ा करने के लिए सरकार लगातार कर रही काम : हेमंत 

Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update  : आज प्रतियोगिता का जमाना है। समाज में समय के साथ तेजी से कई बदलाव आ रहे हैं। इसमें आदिवासी समुदाय को आगे बढ़ने की जरूरत है। इसके लिए आपको संघर्ष करना होगा। कई चुनौतियों से निपटना होगा। कड़ी मेहनत करनी होगी। नये रास्ते बनाने होंगे। अपनी गति बनाये रखनी होगी, तभी आप आगे बढ़ेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि आप इन तमाम परिस्थितियों से निकलते हुए कामयाबी की मंजिल प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, मोरहाबादी, रांची में  अत्यंत संवेदनशील आदिवासी समुदाय (पीवीटीजी ) के युवक-युवतियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम का पारम्परिक तरीके से नगाड़ा बजा कर शुभारम्भ करते हुए ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने पीवीटीजी को समाज के अन्य वर्गों के समकक्ष खड़ा करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम की शुरुआत की है। आगे इस तरह की कई योजनाएं और भी आयेंगी और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेंगे।

 संवेदनशील विषयों को लेकर सरकार बेहद गम्भीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के मुफ्त राशन पर आप सिर्फ जिंदा रह सकते हैं। आप इस राशन के भरोसे ना पढ़ाई-लिखाई कर सकते हैं और ना रोजगार पैदा कर सकते हैं। मुफ्त राशन के जरिये आप आगे कभी नहीं बढ़ सकते हैं। ऐसे में मेरा मानना है कि सरकार का दायित्व सिर्फ लोगों को मुफ्त राशन भर देना नहीं है, बल्कि तमाम संवेदनशील विषयों पर बेहतर नीति बनाने के साथ उसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार आगे बढ़ रही है और राज्य को नयी दिशा देने का काम कर रही है। 

विलुप्त रहे हैं कई आदिवासी समुदाय

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी खासकर अत्यन्त संवेदनशील जनजातीय समूह के लोगों की संख्या का लगातार कम हो रही है। ऐसे कई जनजातीय समूह विलुप्त होने की कगार पर हैं। अगर हम नहीं चेते, तो आनेवाले दिनों में इनका वजूद खत्म हो सकता है। ऐसे में हमारी सरकार आदिवासियों के विकास को लेकर कई योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदायों को सशक्त और मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं।

आदिवासी अब विदेश में प्राप्त कर रहे हैं उच्च शिक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार द्वारा आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यकों के बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना द्वारा बच्चियों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। वहीं, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत हड़िया-दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा जा रहा है। हमारी सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं,  जो झारखंड की दशा और दिशा को बदलने का काम कर रहे हैं। यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक कि हमारा राज्य और हमारी जनता समृद्ध और खुशहाल नहीं बन जाते हैं।

राज्य के लोगों ने जो सपने देखे थे, उन्हें कर रहे पूरा 

मुख्यमंत्री ने कहा अलग राज्य बनने के बाद लोगों ने जो सपने देखे थे, वे कितने हकीकत में साकार हुए, इस पर मंथन करने की जरूरत है। विशेष कर आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासियों के विकास में हम कितना आगे बढ़े, इस पर भी विचार करना होगा। लेकिन, मैं यह कह सकता हूं कि पिछले दो दशकों में जो काम नहीं हुए, हमारी सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से निपटते हुए काफी कम समय में कई ऐसी गतिविधियां चलायी हैं, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।

156 युवक-युवतियों का हुआ है चयन

पीवीटीजी समुदाय के युवक-युवतियों के निःशुल्क आवासीय कोचिंग के लिए कुल 373 आवेदन मिले थे। इसमें 156 आवेदकों का अंतिम रूप से चयन किया गया है।  चयनित आवेदकों में 63 युवती और 93 युवक शामिल हैं। इसमें असुर समुदाय के 33, बिरहोर समुदाय के 3, बिरजिया समुदाय के 27, कोरवा समुदाय 22,  परहैया समुदाय के 09, सबर समुदाय के 01, माल पहाड़िया समुदाय के 38, सौरिया पहाड़िया के 23 युवक युवती हैं। इसके अलावा शिक्षण हेतु शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गयी है।  इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चम्पाई सोरेन, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, टीआरआई के निदेशक रणेन्द्र कुमार और अपर सचिव अजय नाथ झा विशेष रूप से मौजूद थे।

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