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Jharkhand: धनबाद में जमींदोज हुईं तीन महिलाएं

Jharkhand: धनबाद में जमींदोज हुईं तीन महिलाएं

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बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र स्थित गोंदूडीह की घटना, रेस्क्यू आपरेशन में निकाले गये दो शव, पुलिस बल व बड़ी संख्या में जुटे लोग, बीसीसीएल प्रबंधन पर लग रहा लापरवाही का आरोप

Dhanbad news, Jharkhand news, kusunda news, Jharkhand update, Dhanbad update, Dhanbad latest news, Jharkhand latest news:  धनबाद कोयलांचल में रविवार 17 सितम्बर को दिल दहला देनेवाली घटना सामने आयी। बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र के गोन्दूडीह स्थित संचालित आउटसोर्सिंग मुख्य मार्ग में पैदल गुजर रहीं 03 महिलाएं अचानक जमींदोज हो गयीं। बताया गया है कि वे शौच के लिए गयी थीं। 03 महिलाओं में से 01 महिला पहले जमींदोज हुई। उसे बचाने के क्रम में साथ की अन्य 02 महिलाएं भी जमींदोज हो गयीं। तीनों महिलाएं अचानक बने गोफ में लगभग 45 फीट नीचे समा गयीं। इधर, घटना की सूचना मिलते ही बस्ती के लोग घटनास्थल पहुंच गये और इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। इसके बाद महिलाओं के शव निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। रेस्क्यू के दौरान रविवार को एक महिला का क्षत-विक्षत शव निकाला गया। सोमवार को एक बार फिर से रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। 

महिला की हुई पहचान

दूसरे दिन दूसरी महिला का शव गोफ से बाहर निकाला गया। मृतक महिला की पहचान परला देवी के रूप में की गयी है। समाचार लिखे जाने तक घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। वहां भारी संख्या में पुलिस बल एवं सीआईएसएफ की टीम मौके पर तैनात है। घटना को लेकर लोगों में बीसीसीएल के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी बीसीसीएल के एक भी आला अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे। बता दें, धनबाद जिले के अग्निप्रभावित, डेंजर जोन में रहनेवाले हजारों लोगों की जिन्दगी हर पल खतरे में रहती है। अब तक कई बार अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले लोग जमींदोज हो चुके हैं।

यह है मामला

यह मामला ईस्ट बसूरिया ओपी क्षेत्र कुसुंडा एरिया के गोंदुडीह कोलियरी में संचालिक हिलटॉप आउटसोर्सिंग परियोजना के समीप की ट्रांसपोर्टिंग सड़क का है, जहां रविवार को यह बड़ी घटना हुई है। ट्रांसपोर्टिंग रोड से शौच के लिए जा रहीं तीन महिलाएं जमीन के अंदर समा गयींं। तीनों महिलाएं छोटकी बौआ बस्ती की रहनेवाली बतायी गयी हैं। जमींदोज हुईं महिलाओं के नाम परला देवी, ठंडी देवी और मंदवा देवी बताये गये हैं। समाचार लिखे जाने तक रेस्क्यू आपरेशन जारी था। 

अभी मुआवजे को लेकर वार्ता नहीं हुई

अभी मुआवजे को लेकर वार्ता नहीं हुई है।  वहीं, इस सम्बन्ध में घटना को लेकर कुसुंडा महाप्रबंधक वीके गोयल से दूरभाष पर सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया, परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया।घटना को लेकर मृतका परला देवी के परिजन नारायण रजक ने बीसीसीएल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि यह हादसा नहीं, हत्या है। बीसीसीएल प्रबंधन जान-बूझ कर मौत के साये में जीने पर विवश कर दिया है। 01 वर्ष पूर्व छोटकी बौआ धोबी कुल्ही में दर्जनों घरों में दरारें पड़ चुकी हैं, जिनमें यहां के लोग रहने को विवश हैं। नारायण रजक ने प्रबंधन से नियोजन व मुआवजे की मांग की है।

नियोजन व मुआवजे की मांग 

घटना के बाद युवा नेता जयराम महतो घटनास्थल पहुंचे और मृतक के परिजनों का ढांढस बढ़ाया। बीसीसीएल प्रबंधन से मृतक के परिजनों को नियोजन एवं 20 लाख मुआवजे की मांग की है। इस दौरान श्री महतो ने कहा कि हमारे पास कोई संवैधानिक शक्ति नहीं है, परंतु मृतक के परिजनों को नियोजन एवं मुआवजा दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने मांग की कि छोटकी बौआ के विस्थापितों को जल्द से जल्द स्थापित किया जाये। इस दौरान झामुमो नेता अजय रवानी ने बीसीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन समय रहते इन रैयतों को अन्य स्थान पर बसा देता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। लगातार छोटकी बौआ बस्ती के विस्थापितों द्वारा बीसीसीएल प्रबंधन को सूचना दी गयी, परंतु उसके कान में जूं तक नहीं रेंगी। इस घटना की सारी जिम्मेवारी बीसीसीएल प्रबंधन की है। श्री रवानी ने भी मृतक के परिजनों को रोजगार एवं 20 लाख मुआवजे की मांग की है।

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