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JHARKHAND : राज्य के प्राइमरी स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाएंगे वॉलंटियर

JHARKHAND : राज्य के प्राइमरी स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाएंगे वॉलंटियर

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Jharkhand के प्राइमरी स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाने के लिए वॉलंटियर बहाल किए जाएंगे। जब तक स्कूलों में नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं हो जाते तब तक वॉलंटियर के माध्यम से स्कूल बच्चों को पढ़ाई करा सकेंगे। इसके लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है।

विभाग ने छात्रों और शिक्षकों की जानकारी मांगी

इस बाबत झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से स्कूलवार विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि किस स्कूल में कितने वॉलंटियर की जरूरत है। वॉलंटियर की नियुक्ति के लिए विभाग की ओर से गाइडलाइन भी जारी की जाएगी। इसके मानक भी तय किए जाएंगे। इसमें संबंधित वॉलंटियर को मिलने वाली राशि से लेकर उनकी योग्यता का प्रावधान किया जाएगा। 2022-23 के नए शैक्षणिक सत्र से इसे अपनाये जाने की योजना है।

राज्य में 26 हजार शिक्षकों के पद रिक्त

झारखंड के 35.437 प्राइमरी स्कूलों में 57 हजार वेतनमान वाले शिक्षक व 62 हजार सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) कार्यरत हैं। यहां स्वीकृत किए गए पदों में से 26 हजार पद खाली हैं। राज्य सरकार ने स्कूलों के बंद होने की स्थिति में सेतु गाइड लागू करने का निर्देश दिया था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया। कुछ जिलों के स्कूलों में इसकी शुरुआत हुई थी, लेकिन सरकार अब स्थाई नियुक्ति होने तक इसका प्रावधान करने जा रही है। राज्य में बचे सात जिलों के स्कूलों में भी पहली से ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में नए सत्र से स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई बाधित न हो और समय से पाठ्यक्रम पूरा हो इसके लिए वॉलंटियर की मदद ली जाएगी।

प्लस टू के शिक्षकों की भी मांगी सूची

विभाग ने झारखंड के सभी जिलों से प्लस टू स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और खाली पदों की संख्या भी मांगी है। माध्यमिक शिक्षा के अवर सचिव ने सभी जिलों के डीईओ से एक मार्च 2021 की स्थिति से प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के स्वीकृत, कार्यरत और खाली पदों की लिस्ट देने को कहा है। यह भी बताना होगा कि कार्यरत विषयवार शिक्षकों में कितने सामान्य, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के शिक्षक हैं। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्रत्त्, गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्रत्त्, कॉमर्स और मैथिली के शिक्षकों की भी जानकारी देनी है।

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