Bihar News : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में एक निश्चय शराबबंदी से संबंधित था। उन्होंने अपने इस निश्चय को पूरा करने के लिए साल 2016 में बिहार के भीतर पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया। इसके बावजूद शायद ही कोई दिन ऐसा हो, जब बिहार के किसी न किसी हिस्से में शराब न पकड़ी जाती हो। माना कि पुलिस मुस्तैद है और शराब को पकड़ लेती है, मगर शासन-प्रशासन पर इस विषय को लेकर सवाल तो खड़ा हो ही जाता है। ताजा मामला कैमूर का है, जहां एक 30 लाख के ट्रक में 35 लाख की शराब पकड़ी गई है। शराब की तस्करी रोकने के लिए शासन प्रशासन पुलिस के अलावा एंटी लिकर टास्क फोर्स सक्रिय है।
ट्रक ड्राइवर गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार 1 जुलाई को एंटी लिकर टास्क फोर्स उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक डीसीएम ट्रक जिस पर 3970 लीटर अंग्रेजी शराब इंपिरियल ब्लू लोड था,को जब्त किया। इस मामले में पुलिस ने राजस्थान के ट्रक चालक रामू को गिरफ्तार किया। इसके पास एक मोबाइल व 4000 नगद पुलिस के हाथ लगे हैं।
करोड़ों रुपये का निवेश
30 लाख के ट्रक में 33 लाख की शराब का पकड़ा जाना बड़ी बात है। मतलब शराब तस्कर बिहार के भीतर शराब खपाने के लिए एक करोड़ों रुपये निवेश करते हैं। यह भी बात सही है कि जब शराब से भरा ट्रक बिहार सीमा में बिहार के सबसे बड़े समेकित चेकपोस्ट पर ही पकड़ा जा रहा है। इस रास्ते रोजाना न जाने कितने शराब से भरे ट्रक बिहार के कोने कोने में पहुंच रहे। यही कारण है कि पुलिस और प्रशासन इस सवाल पर सख्त है।