नीतीश कुमार की सरकार ने पंचायतों के मुखिया, उप मुखिया समेत सभी पदधारकों से अनिवार्य रूप से 31 मार्च तक संपत्ति का ब्योरा देने को कहा है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को इस संबंध में दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। पंचायतों के पदधारकों में मुखिया, उपमुखिया, प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आते हैं। संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले से प्रतिनिधि से नोडल पदाधिकारी स्पष्टीकरण लेंगे। इसके बाद भी यदि मुखिया, उपमुखिया, प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने जानकारी नहीं दी तो संबंधित प्रतिनिधि के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिला विभाग को प्रस्ताव भेजेगा।
राशि निजी लाभ के लिए तो नहीं हो रही इस्तेमाल
विभाग ने अपने जारी आदेश में कहा है कि पंचायतों को विकास से जुड़े कामों के लिए बड़ी धन राशि दी जाती है। विभाग को ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि धनराशि का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए भी किया जाता है। ऐसे हालात में यह आवश्यक हो गया है कि सरकारी सेवकों की तरह पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधि भी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करें। सभी की संपत्ति का ब्योरा जिले के वेबसाइट पर अपलोड होगा। इसके लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है। 31 मार्च तक संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले से प्रतिनिधि से नोडल पदाधिकारी स्पष्टीकरण लेंगे। इसके बाद भी यदि ब्योरा नहीं दिया गया तो संबंधित प्रतिनिधि के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिला विभाग को प्रस्ताव भेजेगा।