National news, Assam news, Guwahati news, Assam government : अब असम में सरकारी कर्मचारी अपनी मर्जी से दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि वहां की सरकार ने अब नया नियम बना दिया है। अगर किसी सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी करनी होगी तो उसे सरकार से आदेश लेना होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शरमा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को दूसरी शादी की अनुमति लेनी होगी। भले ही उनका धर्म इसकी इजाजत क्यों न देता हो। असम सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि अगर किसी कर्मचारी का जीवनसाथी जिंदा है तो वह दूसरी शादी नहीं कर सकता। दूसरी शादी पर सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकारी प्रतिबंधों के बाद भी अगर कोई दूसरी शादी करता है तो उसे पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।
कई विधवाएं पेंशन से वंचित हो गई हैं
हिमंत शरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक पुराना परिपत्र है। असम का कोई भी सरकारी कर्मचारी हमारे सेवा नियमों के दृष्टिकोण से दूसरी शादी करने का अधिकार नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि यदि कुछ धर्म आपको दूसरी शादी करने की अनुमति देते हैं, तब भी नियमानुसार आपको असम सरकार की अनुमति लेनी होगी। इस मामले में अब यह राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह आपको दूसरी शादी करने की अनुमति देता है या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उन विवादों का हल करने में बहुत कठिनाई हुई है। कई विधवाएं परस्पर विरोधी दावों के कारण पेंशन से वंचित हो गई हैं। यह नियम पहले से था हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हमने इसे लागू करने का फैसला किया है।’
पूर्व की कांग्रेस सरकार के नियम को किया गया है लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यह नियम भाजपा-नीत सरकार ने नहीं बनाया है, बल्कि इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने लागू किया था। उसी को हम आगे बढ़ा रहे हैं। इस बाबत सरकार के कार्मिक विभाग ने 20 अक्टूबर को एक कार्यालय ज्ञापन के जरिये कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि जीवनसाथी के जिंदा रहने की स्थिति में दूसरी शादी करने से पहले उन्हें सरकार की अनुमति लेनी होगी। कार्यालय ज्ञापन में अधिकारियों से यह भी कहा है कि इस तरह के मामले सामने आने पर वे त्वरित और जरूरी कानूनी कार्रवाई करें।’