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जिसके आगमन पर प्रकृति करती है नव श्रृंगार…

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रांची प्रेस क्लब में संस्कृति संवर्द्धन समिति ने किया काव्य गोष्ठी का आयोजन

Breaking news, Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : कवयित्री सत्या शर्मा ‘कीर्ति’ ने जब अपने सुमधुर आवाज़ में, “जिसके आगमन पर प्रकृति होती है तैयार, कोयल गाती है मधुर राग, धरती करती है नव श्रृंगार”… गाकर सुनायी, तो एकबारगी पूरा वातावरण नववर्ष के उल्लास में डूबा नज़र आने लगा। अवसर था संस्कृति संवर्द्धन समिति झारखंड द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी का। समिति के अध्यक्ष और राजधानी के प्रख्यात सर्जन डॉ. एमपी सिंह ने काव्य गोष्ठी में आये सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के बहुत व्यापक स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि चैत्र नववर्ष के उपलक्ष्य में समिति ने शहर के गण्यमान्य कवियों के साथ काव्य गोष्ठी का आयोजन किया है। पूनम आनन्द ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष पर नौ अप्रैल को सुबह चार बजे बड़ा तालाब पर संस्कृति संवर्द्धन समिति द्वारा आयोजित दीपदान कार्यक्रम में सभी को आमंत्रित किया। काव्य गोष्ठी का संचालन संगीता कुजारा टॉक और राजीव थेपड़ा ने किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के बाद डॉ. राजश्री जयंती की गणेश वंदना और संगीता सहाय के ‘हे मां करो नमन स्वीकार…’ सरस्वती वंदना से हुआ। दीप प्रज्वलन में पंकज वत्सल, कमलेश मिड्ढा, अनुनय मंत्री, राकेश लाल, पवन मंत्री आदि शामिल थे।

कवयित्री रूपा कुमारी ने आंग्ल नववर्ष पर आक्षेप करते हुए अपनी कविता का पाठ किया- ‘हम भारतीय पंचांग से जब सबकुछ मनाते हैं, तो फिर नववर्ष अंग्रेज़ी कैलेंडर से क्यों मनाते हैं ?’

काव्य गोष्ठी में डॉ. सुरिन्दर कौर नीलम, चंद्रिका ठाकुर देशदीप, नीरज नीर, डॉ. राजश्री जयंती, शशांक भारद्वाज, नरेश बंका, राजीव थेपड़ा, संगीता कुजारा टॉक, सत्या शर्मा कीर्ति, नंदा पांडे, अजय कुमार, सदानंद सिंह यादव, मनोज कुमार झा, बिन्दु प्रसाद रिद्धिमा, सुषमा झा, सीमा चंद्रिका तिवारी, डॉक्टर नन्दनी कुमारी, संध्या चौधरी उर्वशी, सोनल थेपड़ा, रूपा कुमारी और अंशिता सिन्हा ने एक से बढ़कर एक काव्य पाठ कर अंत तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

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