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अडानी-हिंडनबर्ग मामले में आया सुप्रीम फैसला, सेबी की जांच में दखल से साफ इनकार

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National top news, new Delhi top news, national news, national update, national news : सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। सेबी की जांच रिपोर्ट में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। 03 जजों की बेंच ने कहा कि सेबी की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच के लिए सक्षम एजेंसी है। मार्केट रेग्यूलेटर ने अडानी हिंडनबर्ग मामले में 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है और अभी भी 02 मामलों की जांच बची है। सुप्रीम कोर्ट ने बाकी बचे दोनों मामलों की जांच पूरी करने के लिए सेबी को तीन महीने की मोहलत दी है।

24 नवम्बर को भी हुई थी सुनवाई

इससे पहले बीते 24 नवम्बर को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी की जांच और एक्सपर्ट्स कमेटी पर उठाये जा रहे सवालों को नकारते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था। गौलतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने साल 2023 में जनवरी के ही महीने में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कम्पनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गम्भीर सवाल उठाये गये थे।

एसआईटी को ट्रांसफर नहीं होगी जांच

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हम सेबी को दिये गये समय में अपनी पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दे रहे हैं। अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाया है। सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट को सेबी के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सेबी ही इस मामले की जांच करेगी, एसआईटी को जांच ट्रांसफर नहीं की जायेगी।  

जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं

तीन जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले में जांच स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है और इसे केवल तभी उठाया जा सकता है, जब नियमों का जान-बूझ कर उल्लंघन किया गया हो। कोर्ट ने ओसीसीपीआर रिपोर्ट पर निर्भरता को भी खारिज करते हुए कहा कि बिना किसी सत्यापन के थर्ड पार्टी आॅगेर्नाइजेशन की रिपोर्ट पर प्रमाण के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सरकार और सेबी भारतीय निवेशकों के हित को मजबूत करने के लिए समिति की सिफारिशों पर विचार करेंगे। इसके साथ ही इस पर गौर करेंगे कि क्या शॉर्ट सेलिंग पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से कानून का कोई उल्लंघन हुआ है या नहीं। अगर ऐसा पाया जाता है, तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी।

पहले ही मिलने लगे थे संकेत

पहले से ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला गौतम अडानी के पक्ष में आने के संकेत मिल रहे थे और अब कोर्ट ने साफ शब्दों में कह दिया है कि…. दरअसल, नवम्बर में सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को अंतिम सच नहीं माना जा सकता है। इसके अलावा सेबी की जांच पर उठाए जा रहे सवालों पर भी सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अभी तक ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है, जिससे कि सेबी पर संदेह किया जाये, हम बिना ठोस आधार के सेबी पर अविश्वास नहीं कर सकते।

फैसले पर गौतम अडाणी ने कहा…’सत्यमेव जयते’

उद्योगपति गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। बुधवार को सर्वोच्च अदालत का फैसला आने के बाद अडाणी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘सच्चाई की जीत’ हुई, उनका समूह भारत की वृद्धि की कहानी में योगदान देना जारी रखेगा। वहीं, अडाणी समूह की कम्पनियों के शेयरों में जोरदार उछाल दिख रहा है।

गौतम अडाणी ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिखाता है कि ‘सच्चाई की जीत’ हुई है- ‘सत्यमेव जयते।’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों का आभारी हूं, जो उनके साथ खड़े रहे।’

इस बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 17.83 फीसदी, एनडीटीवी में 11.39 फीसदी, अडाणी टोटल गैस में 9.99 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 9.13 फीसदी और अडाणी एंटरप्राइजेज में 9.11 फीसदी का उछाल दिखने को मिला है।

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