2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत 10 लोगों पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। 8 साल पुराने इस मामले में अदालत में बुधवार को उन्हें आरोप मुक्त कर दिया। बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव- 2014 के दौरान तेनुघाट में चुनाव प्रचार के दौरान जैन धर्मशाला पेटरवार में भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष रविशंकर जायसवाल की अध्यक्षता में बिना अनुमति के राजनीतिक बैठक आयोजित की गई थी। इस मामले में तत्कालीन अंचलाधिकारी पेटरवार विजय सिंह बिरूवा की शिकायत पर आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी 4 दिसंबर 2014 को गोमिया के तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी माधवलाल सिंह, रवि शंकर जायसवाल, दीपक प्रकाश, नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, देवनारायण प्रजापति, लक्ष्मण नायक, अंबिका खबास, सुधीर कुमार सिन्हा, बनेश्वर महतो, शांतिलाल जैन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उस समय दीपक प्रकाश राज्यसभा के सदस्य नहीं थे। राज्यसभा का सदस्य चुने जाने के बाद मामले को धनबाद विशेष कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बचाव पक्ष में समर श्रीवास्तव ने पेश की दलील
बुधवार को आचार संहिता उल्लंघन के इस आठ वर्ष पुराने मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत 10 आरोपितों को अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया। धनबाद एमपी – एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी संतोषनी मुरमुर की अदालत ने सभी आरोपितों को पर्याप्त सबूत के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता समर श्रीवास्तव, आयूष श्रीवास्तव, सिद्धार्थ शर्मा ने इनके बचाव में दलील पेश की।
आखिरकार न्याय जीता : दीपक प्रकाश
अदालत द्वारा बाइज्जबत बरी किए जाने के बाद बुधवार को धनबाद में दीपक प्रकाश ने कहा कि आखिरकार न्याय की जीत हुई है। प्रशासन ने उनके खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, रांची में बीते 10 जून की जुमे की नमाज के बाद नुपुर शर्मा के बयान प्रकरण में उत्पा्त मचाने वालों के पोस्टर शहर भर में लगाए जाने और फिर राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद तुरंत हटा दिए जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यरक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पत्रकारों के इस सवाल को वह टाल गए। हालांकि चलते-चलते उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है।