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चक्रव्यूह में घेर रही सरकार : राहुल

Rahul

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा : गरीब, किसान और मध्यवर्ग के लिए बजट में कुछ नहीं

New Delhi news : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि केन्द्र सरकार देश की जनता को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में घेर रही है। केन्द्र सरकार के बजट में गरीबों, किसानों और मध्यवर्ग के लिए कुछ नहीं है। लोकसभा में बजट चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र में कौरवों द्वारा चक्रव्यूह में घेर कर मारे गये अभिमन्यु का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में 06 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। 21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है। वही हिन्दुस्तान के साथ किया जा रहा है।

अब तक का शिक्षा में सबसे कम बजट

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस बजट में अब तक का शिक्षा में सबसे कम बजट आवंटित किया है। बजट में अग्निवीरों के लिए कुछ नहीं है। बजट में मध्यम वर्ग को कुछ नहीं दिया है, बल्कि उन पर दोहरा वार किया गया है। इस बजट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडेक्सेशन और कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा कर मध्यम वर्ग के लोगों पर ही प्रहार किया है।राहुल गांधी ने अपने भाषण में वादा किया कि आईएनडीआईए की सरकार आने पर किसानों को कानूनी गारंटी दी जायेगी। उन्होंने इस बात को उठाया कि 20 अफसरों ने देश का बजट बनाने का काम किया है। इन 20 अफसरों में से सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी है।राहुल गांधी के भाषण के अंत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर टिप्पणी की है। अगर अध्यक्ष अनुमति दें, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। अग्निवीर एक गम्भीर मुद्दा है। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि शहीद अग्निवीर को मुआवजा मिला है, लेकिन वह बताना चाहते हैं कि उन्हें मुआवजा नहीं, बल्कि बीमा मिला है।

ओम बिरला को नियम के तहत आचरण करने की सलाह

राहुल के भाषण के दौरान कई बार अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें नियम प्रक्रिया को पढ़ने और उसके तहत आचरण करने की सलाह दी। उन्होंने राहुल गांधी के दो उद्योगपतियों के नाम लिये जाने पर आपत्ति जतायी। राहुल गांधी ने मीडिया का विषय उठाया, तो अध्यक्ष ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर मिलने की सलाह दी। राहुल के किसानों को उनसे मिलने संसद में नहीं आने देने का मुद्दा उठाने पर अध्यक्ष ने कहा कि वह असत्य न बोलें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सदन के भीतर सदस्यों के अलावा कोई मीडिया को बाइट नहीं दे सकता और उनकी मौजूदगी में ऐसे हुआ। इस पर राहुल ने कहा कि वह इससे अनभिज्ञ थे।

राहुल को सदन की मर्यादा की ‘ट्यूशन’ लेने की आवश्यकता:धर्मेन्द्र प्रधान

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते पहले राहुल गांधी को सदन की मर्यादा में रह कर कैसे वक्तव्य दिया जाता है, इसकी ‘ट्यूशन’ लेने की आवश्यकता है। प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी ने आज लोकसभा में बजट पर चर्चा के समय का इस्तेमाल फिर अपनी नकारात्मक राजनीति के लिए किया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा इरादतन बार-बार सदन की गरिमा को गिराने का काम किया गया है। नेता प्रतिपक्ष होने के नाते पहले राहुल गांधी को सदन की मर्यादा में रह कर कैसे वक्तव्य दिया जाता है, इसकी ‘ट्यूशन’ लेने की आवश्यकता है।

चुनावी सभा और संसद में भाषण देने में अंतर होता है

उन्होंने आगे कहा कि चुनावी सभा और संसद में भाषण देने में अंतर होता है, आज फिर राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस की अपरिपक्वता देश की जनता के सामने उजागर हुई है। नेता प्रतिपक्ष को सदन की नियमावली को ठीक से समझ कर उसके अनुसार आचरण करने की जरूरत है। सदन देशहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए है, अपनी राजनीति के लिए संसद की पवित्र गरिमा का मजाक उड़ाया जाना निन्दनीय है। विपक्ष हमेशा संविधान की फोटो दिखाता है, लेकिन इनकी शैली शुरू से ही संविधान को अपमानित करने की रही है, ये लोग सबसे बड़े संविधान विरोधी हैं।

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